शिमला में जल्द शुरू होगी 24 घंटे पानी की आपूर्ति, कंपनी ने पूरा किया ड्रोन और डोर-टू-डोर सर्वे
शिमला: राजधानी शिमला के लोगों को जल्द ही 24 घंटे पीने के पानी की सुविधा मिलने वाली है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत फ्रांस की सुएज कंपनी ने अपना पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस चरण में शहर का ड्रोन और डोर-टू-डोर सर्वे किया गया, जिससे जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार की योजना को नई दिशा मिली है।
ड्रोन सर्वे से होगा जल प्रबंधन सटीक
पहली बार शिमला में जल वितरण की योजना बनाने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया गया है। इस सर्वे के जरिए शहर के सभी प्रमुख हिस्सों की जांच की गई है, ताकि जल भंडारण टैंकों की सही जगह और पाइपलाइनों की आवश्यकताओं को पहचाना जा सके। ड्रोन सर्वे की यह पहल अन्य सरकारी विभागों के लिए भी भविष्य में उपयोगी साबित होगी।
अब एनजीओ की मदद से घर घर जाकर लोगों को समझायेंगे परियोजना के फायदे
ड्रोन सर्वे के साथ-साथ कंपनी ने हर घर का डोर-टू-डोर सर्वे भी पूरा किया। अब इसके बाद कंपनी एनजीओ की मदद से घर घर जाकर लोगों को परियोजना के फायदे समझायेंगे और साथ ही लोगों से सुझाव भी लिए जाएंगे। इस सर्वे के परिणामों के आधार पर पानी की पाइपलाइनें और जल टैंक स्थापित किए जाएंगे।
बनेंगे 40 जल भंडारण टैंक, बिछेगी नई पाइपलाइन
सर्वे के बाद परियोजना के अगले चरण में 40 जल भंडारण टैंक बनाए जाएंगे। इन टैंकों से शहर में 17 मीटर तक की ऊंचाई वाली इमारतों में एक समान प्रेशर के साथ पानी का समान वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, पुरानी और खराब पाइपलाइनों को बदलकर नई पाइपलाइनें बिछाई जाएंगी, जिससे पानी की बर्बादी कम हो सके।
स्मार्ट मीटर लगाएगी कंपनी, पुराने मीटर होंगे मुफ्त बदले
जल आपूर्ति व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए कंपनी स्मार्ट मीटर लगाएगी। ये मीटर उपभोक्ताओं को उनके पानी के उपयोग की जानकारी देने के साथ-साथ बिलिंग प्रक्रिया को भी आसान बनाएंगे।
पुराने पानी के मीटर को कंपनी मुफ्त में बदलेगी।
स्मार्ट मीटर के जरिए बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के बिल जनरेट होगा।
उपभोक्ता अपने पानी के खर्च की दैनिक सीमा भी तय कर सकेंगे।
ऊंचाई वाले इलाकों में भी होगा प्रेशराइज्ड जल वितरण
शिमला की भौगोलिक संरचना को ध्यान में रखते हुए, कंपनी ऊंचाई वाले इलाकों में प्रेशराइज्ड जल वितरण प्रणाली स्थापित करेगी। यह प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पानी की आपूर्ति सभी घरों तक समान रूप से हो सके।
परियोजना का प्रबंधन कर रहा SJNPL
शिमला जल प्रबंधन निगम (SJNPL) इस परियोजना का प्रबंधन कर रहा है, जबकि सुएज कंपनी इसे धरातल पर लागू कर रही है। सुएज वर्तमान में देश के अधिकतर महानगरों के साथ साथ बड़े शहरों में जल वितरण, वाटर ट्रीटमेंट और सीवरेज का प्रबंधन कर रही है, और शिमला में इस परियोजना को लेकर बेहद उत्साहित है।
शिमला के लिए क्या हैं लाभ?
24 घंटे स्वच्छ पानी की आपूर्ति।
पानी की बर्बादी पर नियंत्रण।
बिलिंग में पारदर्शिता और सटीकता।
ऊंचाई वाले इलाकों में भी सुचारु जल आपूर्ति।
आधुनिक तकनीक से जल प्रबंधन में सुधार।
शिमला में यह परियोजना एक ऐतिहासिक कदम है, जो न केवल जल संकट की समस्या को हल करेगी बल्कि शहरवासियों को बेहतर जीवन स्तर भी प्रदान करेगी। जल्द ही शिमला के निवासियों को 24 घंटे पानी की सुविधा का लाभ मिलेगा।