7th Pay Commission Update , जानिये क्या महंगाई भत्ता सैलरी में होगा मर्ज, या फिर
केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की जो बढ़ोतरी की जाती है, वह उनके जीवनस्तर को महंगाई के हिसाब से बनाए रखने के लिए होती है। इन भत्तों का निर्धारण औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर किया जाता है। यह भत्ता जनवरी और जुलाई में बढ़ाया जाता है और इसका ऐलान कुछ समय बाद किया जाता है। जब महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो जाता है, तो इसे बेसिक सैलरी में जोड़ने की बात की जाती है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद इसका DA 53% हो गया। इसके बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि क्या अब महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में शामिल किया जाएगा।
महंगाई भत्ते का मर्जर: क्या सरकार इस पर विचार कर रही है?
पिछले कुछ समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि जब महंगाई भत्ता 50% से ऊपर होगा, तो यह बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा, जैसा कि 6th Pay Commission में बताया गया था। हालांकि, इस बारे में केंद्र सरकार ने स्पष्टता दी है कि महंगाई भत्ता अभी बेसिक सैलरी में नहीं जोड़ा जाएगा।
जब डीए 53% हो गया, तब एक बार फिर यह चर्चा का विषय बन गया कि क्या इसे बेसिक सैलरी में जोड़ा जाएगा। इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
महंगाई भत्ता और मूल वेतन में मर्जर
पांचवें और छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मर्ज करने की सिफारिश की गई थी। 2004 में इस सिफारिश के बाद महंगाई भत्ते का 25% हिस्सा मूल वेतन में मिलाकर महंगाई वेतन बनाया गया था। लेकिन बाद में इस फैसले में बदलाव किया गया।
इससे यह स्पष्ट है कि अगर महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो जाए, तो यह बेसिक सैलरी में मर्ज हो सकता है, लेकिन इसके लिए सरकार को एक निर्णय लेना होगा।
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का कर्मचारियों की सैलरी में अहम स्थान है। हालांकि, DA और DR को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की बात अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है। केंद्र सरकार इस विषय पर चर्चा कर रही है, और भविष्य में इस पर निर्णय लिया जा सकता है।