81 लोक कलाकारों ने ग्रेडिंग के लिए दिया ऑडिशन, पारंपरिक गायन विधाओं के संरक्षण की दिशा में कदम

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81 लोक कलाकारों ने ग्रेडिंग के लिए दिया ऑडिशन, पारंपरिक गायन विधाओं के संरक्षण की दिशा में कदम

हमीरपुर, 29 मार्च – हिमाचल प्रदेश के भाषा, कला और संस्कृति विभाग ने राज्य के पारंपरिक लोक कलाकारों की पहचान करने और उनकी ग्रेडिंग करने की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि इन कलाकारों को सांस्कृतिक मंचों पर उचित स्थान मिल सके और हिमाचल की समृद्ध लोक संस्कृति का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। इस पहल के तहत, हमीरपुर जिले में सलासी स्थित जिला भाषा अधिकारी कार्यालय और संस्कृति सदन के परिसर में लोक कलाकारों के ऑडिशन और स्वर परीक्षा का आयोजन किया गया।

दो दिवसीय इस कार्यक्रम में लगभग 81 लोक कलाकारों ने भाग लिया, जिनमें से कुछ बुजुर्ग लोक कलाकारों ने पारंपरिक और लुप्त हो रही लोक गायन विधाओं में अपनी कला का प्रदर्शन किया। साथ ही, नए उभरते कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। शुक्रवार को 52 कलाकारों ने स्वर परीक्षा दी, जबकि शनिवार को 29 लोक कलाकारों ने ऑडिशन दिया।

जिला भाषा अधिकारी संतोष कुमार पटियाल ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत पारंपरिक लोक गायन, वादन और नृत्य जैसी कला विधाओं में दक्ष कलाकारों की श्रेणीबद्धता की जाएगी। इससे जहां प्रदेश के लोक कलाकारों को विभाग की मान्यता मिलेगी, वहीं हिमाचल की लोक संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन भी होगा।

इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डिग्री कालेज हमीरपुर के सेवानिवृत्त संगीत विभाग प्रमुख प्रोफेसर डॉ. एमएस मिश्रा और डिग्री कालेज सुजानपुर की सहायक प्रोफेसर डॉ. उमा देवी शामिल रहे। दोनों ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की।

जिला भाषा अधिकारी ने इस आयोजन में सहयोग देने के लिए जिला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय, अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ सभी प्रतिभागी लोक कलाकारों का आभार व्यक्त किया।