8th pay commission : 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के आठवें वेतन आयोग को लेकर बड़ी खबर
8th pay commission Latest Update : हाल ही में केंद्र सरकार ने जुलाई-दिसंबर की अवधि के लिए DA (डियरनेस अलाउंस) बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी। लेकिन सरकारी कर्मचारियों लंबे समय से 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या सरकार अगले वेतन आयोग को लेकर जल्द कोई फैसला लेगी? आईये नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं
– केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। सरकार अब 8वें वेतन आयोग के गठन पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श मशीनरी (NC-JCM) के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार के लगभग 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission Update) की मांग की है। उनका कहना है कि देश की मजबूत आर्थिक स्थिति और विकास को देखते हुए यह सबसे उचित समय है कि 8वें वेतन आयोग की घोषणा की जाए।
NC-JCM एक महत्वपूर्ण मंच है, जो सरकारी कर्मचारियों और सरकार के बीच संवाद का काम करता है। यह मंच कर्मचारियों की समस्याओं और विवादों को सुलझाने के लिए काम करता है। इस मंच ने पहले ही सरकार को दो मेमोरेंडम भेजे हैं, जिनमें 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की गई है।
कर्मचारियों ने रखी 8वें वेतन आयोग की मांग
कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission News) के गठन की मांग की है। NC-JCM के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने हाल ही में वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे से मुलाकात कर यह मांग फिर से उठाई। मिश्रा ने बताया कि उन्होंने वित्त सचिव से 8वें वेतन आयोग के गठन की ज़रूरत के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की जीडीपी (GDP) तेज़ी से बढ़ रही है, सभी सेक्टर तरक्की कर रहे हैं और देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग का गठन न करना समझ से बाहर है। मिश्रा का कहना है कि इस समय में, जब देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो और विकास हो रहा हो, कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में भी सुधार किया जाना चाहिए।
कर्मचारियों की सेलरी में होगा इजाफा –
सरकारी कर्मचारियों (government employees) के वेतन में बदलाव के लिए वेतन आयोग का गठन पहला कदम होता है। वेतन आयोग गठित होने के बाद, यह सभी पक्षों से चर्चा करता है और फिर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपता है। इन सिफारिशों का उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में सुधार करना होता है। हालांकि, वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना सरकारी खजाने पर बड़ा वित्तीय बोझ डालता है।
उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को लागू करने पर 2017 में सरकार को 1.02 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ सहना पड़ा था। इस वजह से सरकार को वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार करते समय बजट का ध्यान रखना पड़ता है, ताकि इसका प्रभाव सरकारी वित्त पर न पड़े।
साल 2016 में लागू हुआ था 7वां वेतन आयोग
सामान्यतः हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है ताकि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार हो सके। पिछला 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) फरवरी 2014 में बना था और इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुईं थीं। हालांकि, 8वें वेतन आयोग पर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है। 7वें वेतन आयोग की घोषणा चुनाव-पूर्व बजट (Budget) का हिस्सा थी, इसलिए 8वें वेतन आयोग की घोषणा में देरी को लेकर तुलना सही नहीं है। पिछले संसद सत्र में भी इस मुद्दे पर सवाल उठे थे, लेकिन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया था कि फिलहाल सरकार के पास 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।