जनमंच व स्थापना दिवस कार्यक्रमों पर पूर्व सरकार ने फूंके 16,261 करोड़ः संजय अवस्थी
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने आज यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में जमकर फिजूलखर्ची हुई। भाजपा सरकार ने जनमंच और स्थापना दिवस कार्यक्रम के नाम पर 16,261 करोड़ रुपये फूंक दिए। चुनाव जीतने के लिए पूर्व सरकार ने कर्मचारियों के लिए 10,600 करोड़ रुपये के संशोधित वेतन और महंगाई भत्ते की घोषणा तो की लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का 10 हजार करोड़ वेतन और 600 करोड़ डीए के एरियर का भुगतान लंबित है।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि पूर्व सरकार ने 1 जनवरी 2023 से तीन फीसदी और 1 जुलाई 2022 को चार फीसदी महंगाई भत्तेे की घोषणा की लेकिन इसका भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार 15वें वित्त आयोग के समक्ष हिमाचल प्रदेश की सही तरीके से पैरवी नहीं कर पाई जिसका खामियाजा हिमाचल भुगत रहा है।
संजय अवस्थी ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मशाला में हुई इन्वेस्टर्ज़ मीट में 26 करोड़ रुपये स्वाह कर दिए गए और 6 करोड़ रुपये की चपातियां डकार ली गईं। राज्य पथ परिवहन निगम की बसों का किराया तक नहीं दिया गया। वित्त आयोग ने मंडी हवाई अड्डे के लिए 1000 करोड़ रुपये, कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 400 करोड़ रुपये और शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर के लिए 20 करोड़ रुपये देने का वायदा किया था लेकिन यह राशि भी जारी नहीं की गई। वित्त आयोग से प्रदेश को कुल 1420 करोड़ रुपये आज तक नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल खूब सत्ता सुख भोगा और प्रदेश की जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सत्ता सुख भोगने नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आए हैं। कोविड काल में जहां एक तरफ पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा था वहीं भाजपा नेताओं ने घोटाले किए और पार्टी अध्यक्ष को तो पद तक से इस्तीफा तक देने की नौबत आई। इसी तरह, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र बेचे गए।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही राज्य को अब तक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। केंद्र से राहत राशि मांगी गई जो कि आज तक नहीं मिली है और राज्य ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की। उन्होंने कहा कि भाजपा कर्मचारी हितैषी होने का नाटक रचती है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को कर्मचारियों पर की गई अपनी टिप्पणियां याद रखनी चाहिए जिन्होंने यहां तक कह दिया था कि कर्मचारियों को पेंशन चाहिए तो नौकरी से त्याग पत्र देकर चुनाव लड़ें।
उन्होंने कहा कि हाल ही में भगवा चोला पहनने वाले पहले कांग्रेस में रहकर पार्टी को खोखला करते रहे और अब भाजपा में जाकर वो रंगमंच कार्यक्रम चला रहे हैं। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि विपक्ष को स्वस्थ राजनीति करनी चाहिए। भाजपा में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया चल रही है और हर नेता में पद पाने की होड़ लगी हुई है जिसकी वजह से भाजपा पूरी तरह बिखरकर गुटों में बंट चुकी है।
संजय अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश 2027 तक आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनेगा। आर्थिक तंगी के बावजूद प्रदेश सरकार 10 में से पांच गारंटियां पूरी कर चुकी है। पहली कैबिनेट बैठक में ही 1.36 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की गई है। इसी तरह, इंदिरा गांधी प्यारी बहना महिला सुख सम्मान निधि के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की 2.85 लाख पात्र महिलाओं को हर माह 1500 रुपये दिए जा रहे हैं। 680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने, निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशन अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में इस शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू कर एक और चुनावी गारंटी को सरकार ने निभाया है। देश में पहली बार प्राकृतिक तरीके से उत्पन्न गेहूं के लिए 40 रुपये और मक्की के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। हिमाचल दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला देश का पहला राज्य है जहां गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।
श्री अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में आबकारी नीति में संशोधन कर 480 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया गया है और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जा रहा हैै। राज्य सरकार ने एक ही वर्ष में 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व एकत्र करने में सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को अस्थिर करने के सारे षड्यंत्र विफल होने के बाद भाजपा नेता अब मुद्दाविहीन हो चुके हैं और लोगांे को अनवाश्यक एवं बेबुनियाद मुद्दों पर भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी मुद्दा सामने नहीं आया है, जो इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में प्रदेश सरकार के प्रयासों में सहयोग के लिए आगे आएं।