प्रदूषण पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा कि मजदूरों को केवल 2,000 रुपये ही क्यों दिए गए हैं, शेष राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने तीखे शब्दों में कहा, “क्या आप चाहते हैं कि मजदूर भूख से मरें? यह अदालत की अवमानना है, और हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे। यदि आपके बयान झूठे पाए गए, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।”
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर निगरानी की कमी पर भी नाराजगी जताई। अदालत ने निर्देश दिया कि सभी 113 प्रवेश बिंदुओं पर तुरंत चेकपॉइंट स्थापित किए जाएं और वहां पुलिस कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही, इन बिंदुओं पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
अदालत ने यह भी पाया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और संबंधित एजेंसियों ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को समय पर लागू नहीं किया, जिससे वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएं और सुनिश्चित करें कि नागरिकों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का मौलिक अधिकार मिले।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों को वायु प्रदूषण के मुद्दे पर फटकार लगाई थी और समय पर एहतियाती कदम न उठाने पर नाराजगी जताई थी।