मध्य प्रदेश में लाखों शिक्षकों को बड़ा झटका, हाई कोर्ट में दायर की याचिका
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों शिक्षकों को एक बड़ा झटका दिया है। राज्य सरकार ने लगभग 2.5 लाख शिक्षकों की सेवा को भर्ती दिनांक से 9 मानकर शिक्षा संवर्ग में मर्ज किया, जिससे इन शिक्षकों को ग्रेच्युटी, पेंशन, वरिष्ठता जैसे कई महत्वपूर्ण लाभों का नुकसान हो रहा है। इससे नाराज शिक्षक अब हाई कोर्ट का सहारा ले रहे हैं और इन सुविधाओं को पुनः प्राप्त करने के लिए लगातार याचिकाएं दायर कर रहे हैं।
1998 से 2013 के बीच मध्य प्रदेश में लगभग 2.37 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई थी, जिन्हें स्थानीय निकायों के कर्मचारी के रूप में भर्ती किया गया था। 2018 में, इन शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज कर दिया गया। इस मर्जिंग के बाद अब इन शिक्षकों को उनकी नियुक्ति तिथि से लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनका भविष्य संकट में पड़ गया है।
इन शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें वे अपनी खोई हुई सुविधाएं वापस पाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियुक्ति तिथि से सर्विस नहीं मानी जाएगी, जिसके कारण शिक्षकों को इससे कोई लाभ नहीं मिल सकेगा।
यह मामला अब प्रदेश के कई जिलों के हाई कोर्ट में विचाराधीन है और शिक्षक न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।