किसानों 80% सब्सिडी पर मिल रहे कृषि यंत्र, जल्द करें आवेदन
प्रदेश सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 60% से 80% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए है, जो उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक कारणों से ऐसा नहीं कर पाते।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
अनुदान की दर और पात्रता:
कस्टम हायरिंग सेंटर: इन केंद्रों पर खरीदी जाने वाली यंत्रों पर 80% तक का अनुदान मिलेगा।
फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) यंत्र: इन यंत्रों पर 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी।
सामान्य कृषि यंत्र: सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (Sub Mission on Agriculture Mechanization) के तहत अन्य कृषि यंत्रों पर 60% से 40% तक का अनुदान मिलेगा।
जमानत राशि:
₹10,000 से ₹1,00,000 तक के यंत्रों के लिए ₹2,500 की जमानत राशि।
₹1,00,000 से अधिक मूल्य वाले यंत्रों के लिए ₹5,000 की जमानत राशि का प्रावधान।
आवेदन प्रक्रिया:
आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन होगा।
कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भरें।
आवेदन के बाद किसान को एक टोकन नंबर जारी किया जाएगा।
इसके बाद जमानत राशि जमा करनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसान योजना का लाभ उठा सकेंगे।
योजना का उद्देश्य:
उन्नत कृषि यंत्रों की उपलब्धता।
खेती को आसान और अधिक उत्पादक बनाना।
फसल अवशेष प्रबंधन से खेतों की उर्वरता बनाए रखना।
किसानों की आय में वृद्धि और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
आवेदन की अंतिम तिथि:
आवेदन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2024 है। यह तिथि रात 12 बजे तक वैध है, उसके बाद पोर्टल बंद कर दिया जाएगा।
कैसे करें आवेदन?
कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
योजना के लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण करें।
आधार कार्ड, भूमि रजिस्ट्रेशन की जानकारी, और बैंक खाते का विवरण भरें।
आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन सबमिट करें।
टोकन नंबर प्राप्त होने के बाद जमानत राशि जमा करें।
योजना का प्रभाव:
यह योजना किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों तक पहुंच प्रदान करेगी और उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने में मदद करेगी। इससे खेती में मेहनत कम होगी, उत्पादकता बढ़ेगी, और पर्यावरण को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी। फसल अवशेष प्रबंधन से पर्यावरण प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा।