YouTube देखकर छाप डाले 500 के नोट, फिर जो हुआ
इंटरनेट ने हमारे जीवन को सुविधाजनक और जानकारीपूर्ण बना दिया है, लेकिन जैसे हर चीज के दो पहलू होते हैं, वैसे ही इंटरनेट का उपयोग भी दोनों तरह से हो सकता है—सकारात्मक और नकारात्मक। इसका एक और उदाहरण उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में देखने को मिला है, जहां इंटरनेट का गलत इस्तेमाल कर दो आरोपियों ने नकली नोटों का कारोबार शुरू कर दिया था।
मामला:
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पुलिस ने दो आरोपियों, सतीश राय और प्रमोद मिश्रा, को गिरफ्तार किया है। ये दोनों शख्स YouTube पर देखे गए वीडियो से प्रेरित होकर नकली नोट बनाने का धंधा चला रहे थे। इन आरोपियों के पास से 500 रुपये के नकली नोट मिले, जिन्हें वे बाजार में चलाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, इन नोटों को 10 रुपये के स्टांप पेपर पर छापा गया था, और सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर था।
घटना का विवरण:
आरोपियों ने मिर्जापुर से स्टांप पेपर खरीदी थी, और इनपर 500 रुपये के नकली नोट बनाए थे। ये नोट पूरी तरह से असली नोट की तरह दिखते थे, और अगर किसी को असली नोट के फीचर्स का सही से ज्ञान नहीं होता, तो यह नोट पहचान पाना मुश्किल था। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक प्रिंटर, लैपटॉप, और 27 स्टांप पेपर सहित अन्य उपकरण भी जब्त किए हैं।
इंटरनेट का नकारात्मक इस्तेमाल:
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे इंटरनेट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। जहां इंटरनेट पर लाखों उपयोगी और ज्ञानवर्धक सामग्री है, वहीं कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी करते हैं। YouTube जैसे प्लेटफार्मों पर ऐसे ट्यूटोरियल्स मौजूद हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। इसका परिणाम यह हो सकता है कि कुछ लोग इसे आदर्श मानकर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाएं, जैसे इस मामले में हुआ।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने इन आरोपियों को रामगढ़ मार्केट में गिरफ्तार किया, जहां वे नकली नोटों को चलाने की कोशिश कर रहे थे। उनके पास से 500 रुपये के 20 नकली नोट बरामद किए गए। इन नोटों को देखकर किसी को भी यह समझना मुश्किल था कि ये नकली हैं या असली। पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।