बोर्ड को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे महत्त्वाकांक्षी प्रयास: तकनीकी शिक्षा मंत्री
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के मुख्य अभियन्ताओं के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बोर्ड को आत्मनिर्भर और दक्ष संगठन बनाने की दिशा में सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड को उपभोक्ता मित्र बनाकर आर्थिक रूप से और सुदृढ़ किया जा रहा है। बोर्ड उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विद्युत आपूर्ति लागत को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम दोहन सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं।
राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल को वर्ष, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। प्रायोगिक तौर पर धर्मशाला और शिमला शहर में स्मार्ट मीटर लगाने से राजस्व की दृष्टि से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड की कार्य प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी को समायोजित किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड के आईटी विंग को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। सब स्टेशनों को नवीन तकनीकों के माध्यम से संचालित करने की संभावनाओं की तलाश करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
बैठक में भारतीय लेखा मानक के अनुसार बोर्ड की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।