चुनाव से 6 महीने पहले हमीरपुर में शुरू हुआ आशीष शर्मा का जनसंपर्क अभियान।

हमीरपुर 17 मई- न कोई नेता न कोई नारा बस एक हमीरपुर की जनता का है सहारा। यह कहना है हमीरपुर के युवा नेता आशीष शर्मा का। छोटी उम्र में हर आम और खास के दिल में बड़ा मुकाम बना चुके आशीष शर्मा के सियासी पैंतरों से हमीरपुर के हर बड़े नेता को अपने पैरों तले जमीन खिसकती नजर आ रही है। चुनाव से 6 महीने पहले डोर-टू-डोर आम वोटर से सीधा संपर्क व आशीर्वाद लेने निकले आशीष शर्मा अब तक 6 पंचायतों के हर घर व हर दर पर दस्तक दे चुके हैं। धलोट, धरोग, डबरेहड़ा, पन्देहड़, चमनेड, बलोह ग्राम पंचायतों के 2500 से ज्यादा परिवारों व 8000 से ज्यादा वोटरों से सीधा व्यक्तिगत संवाद व संपर्क कर चुके आशीष शर्मा को पूरा भरोसा है कि हमीरपुर में आम जनता की आवाज बनने के मकसद में वह पूरी तरह सफल होंगे। इसी यकीन को लेकर आशीष शर्मा हमीरपुर की 40 ग्राम पंचायतों के संपर्क अभियान पर निकले हैं। जिनमें से उन्होंने 6 पंचायतों के घर-घर में अपनी दस्तक पूरी कर ली है। हमीरपुर में आशीष शर्मा अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आम जनता की सेवा साधना को सीढ़ी बनाकर सियासत में मुकाम स्थापित करने निकले आशीष शर्मा हमीरपुर से चुनाव लडऩे का अधिकारिक ऐलान हजारों युवाओं के युवा सम्मेलन में कर चुके हैं। आशीष शर्मा अपने व्यवहार व सेवा साधना से हर नागरिक के मन में अमिट छाप छोडऩे में काफी हद तक सफल रहे हैं। न काहू से दोस्ती न काहू से बैर के फार्मूले पर आम आदमी की बात आम आदमी के साथ रखना व करना उनके सियासी किरदार को और भी बेहतरीन बनाती है। आशीष शर्मा का कहना है कि अब हमीरपुर को नेता नहीं बेटा चाहिए, जो कि हमीरपुर की जनता को सर्वोच्च मानकर जनता की सेवा को अपना धर्म और कर्म माने। आशीष शर्मा का जनसंपर्क अभियान दोनों ही मुख्य दलों के टिकटार्थियों व मौजूदा प्रतिनिधियों की परेशानी का कारण बनने लगा है। सियासी दलों द्वारा करवाए गए सर्वे में आशीष शर्मा की लोकप्रियता सबसे ज्यादा आंकी गई है। अब देखना यह है कि आशीष शर्मा को सर्वे की चर्चाओं में मिली यह लोकप्रियता क्या हकीकत में जनता की कसौटी पर विश्वसनीयता में बदलकर खरी उतर पाती है कि नहीं, आने वाला वक्त बताएगा।