उत्तराखंड के माणा में हिमस्खलन: चार की मौत, सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तराखंड के माणा में शुक्रवार को हुए भीषण हिमस्खलन के कारण बड़ी संख्या में मजदूर बर्फ में दब गए। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन इनमें से चार की मौत हो गई। सेना और अन्य राहत एजेंसियों का बचाव अभियान अब भी जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी
सेना, आईटीबीपी, बीआरओ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम के कारण कल हेलीकॉप्टरों की उड़ान संभव नहीं थी, लेकिन आज मौसम साफ होने के बाद हेलीकॉप्टरों की सहायता से रेस्क्यू ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है। तीन घायल मजदूरों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जोशीमठ स्थित मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अब भी पांच मजदूर लापता
रेस्क्यू टीमों ने अब तक 50 मजदूरों को बाहर निकाल लिया है, लेकिन अभी भी पांच मजदूरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। सेना और अन्य राहत एजेंसियां उनकी खोज में जुटी हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही लापता मजदूरों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात
जोशीमठ में एनडीआरएफ की 28 सदस्यीय टीम पहुंच चुकी है। इसके अलावा, एसडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीमें भी गोविंद घाट और हनुमान चट्टी में राहत कार्यों में सहयोग कर रही हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि केंद्र सरकार से भी सहायता मिल रही है, जिससे बचाव कार्य में तेजी आने की उम्मीद है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने इस क्षेत्र में आगे भी हिमस्खलन और बर्फबारी की संभावना जताई है। स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों ने नागरिकों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में किसी भी प्रकार की मानवीय गतिविधियों को सीमित करने की चेतावनी जारी की गई है।
सैन्य अधिकारी माणा का दौरा करेंगे
जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जल्द ही माणा पहुंचने वाले हैं। अगर मौसम अनुकूल रहा, तो वे मौके पर ही मीडिया को घटना और बचाव कार्यों की जानकारी देंगे।
सरकार और प्रशासन की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाई जाए और लापता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।