बाबा बालक नाथ मंदिर में भक्त द्वारा मूर्ति पर पैसे फेंकने को लेकर विवाद, पुजारी और स्थानीय लोगों ने स्पष्ट किया स्थिति

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बाबा बालक नाथ मंदिर में भक्त द्वारा मूर्ति पर पैसे फेंकने को लेकर विवाद, पुजारी और स्थानीय लोगों ने स्पष्ट किया स्थिति

हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश): उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में एक भक्त द्वारा मूर्ति पर पैसे फेंकने की घटना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि, मंदिर के पुजारियों और स्थानीय लोगों ने इस मामले को सामान्य बताते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि श्रद्धालु अक्सर अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए ऐसा करते हैं।

 

*भक्त की भावनाओं को समझना जरूरी*

जिस भक्त ने मूर्ति पर पैसे फेंके, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह बाबा बालक नाथ के परम भक्त हैं और हर साल मन्नत पूरी होने पर दर्शन करने आते हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी मेहनत की कमाई का एक हिस्सा बाबा जी के चरणों में अर्पित करता हूँ। अगर इससे किसी को ठेस पहुँची है, तो मैं क्षमा माँगता हूँ, लेकिन मेरा इरादा कभी भी बाबा जी के अपमान का नहीं रहा।”

 

*पुजारी और स्थानीय लोगों ने दी सफाई*

मंदिर के पुजारियों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। “हर साल चैत्र नवरात्रि और अन्य त्योहारों पर श्रद्धालु मूर्ति पर नोट फेंकते हैं। यह उनकी आस्था का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मूर्ति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचा है और यह पहले की तरह सुरक्षित है।

 

स्थानीय लोगों ने भी इस बात पर जोर दिया कि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का मंदिर और आसपास की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। “पंजाब और अन्य राज्यों से आने वाले भक्तों की वजह से ही यहाँ के व्यवसाय चलते हैं। उनकी श्रद्धा को गलत तरीके से प्रस्तुत करना उचित नहीं,” एक दुकानदार ने कहा।

 

*सर्व साझा दरबार ने दिया समर्थन*

सर्व साझा दरबार, बंगा के रंगड़ बादशाह ने इस मामले पर कहा, “बाबा बालक नाथ के भक्तों की भावनाओं को समझना चाहिए। कोई भक्त किस मन से ऐसा करता है, यह केवल भगवान ही जानते हैं। उनकी आस्था पर सवाल उठाना गलत है।”

 

 

इस पूरे प्रकरण में एक बात स्पष्ट है कि भक्तों की आस्था और भावनाएँ सर्वोपरि हैं। मंदिर प्रशासन ने भी स्थिति को सामान्य बताया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। बाबा बालक नाथ के भक्तों का विश्वास है कि उनकी श्रद्धा और समर्पण में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है।