बाघछाल पुल नयनादेवी और झंडूता विधानसभा क्षेत्र आपस में जुड़ेंगे, चंडीगढ़ व दिल्ली की दूरी हुई कम।

बिलासपुर घुमारवीं _ 10 नम्बर 2023,एशिया में सबसे लंबे कंकरीट कैंटिलीवर स्पैन (185 मीटर) के चलते झंडूता विधानसभा क्षेत्र की विशेष पहचान बने बागछाल पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। झंडूता और नयनादेवी विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोडऩे के लिए गोविंदसागर झील पर निर्मित 330 मीटर लंबा यह पुल इंजीनियरिंग स्किल्स का अद्भुत और बेजोड़ नमूना है।
 झंडूता और नयनादेवी क्षेत्रों को आपस में जोडऩे के लिए गोविंद सागर पर बागछाल पुल के निर्माण की मांग वर्ष 1994 में उठी थी। लगभग एक दशक के इंतजार के बाद इसका शिलान्यास किया गया। हालांकि शुरुआत में इसका काम जोरशोर से चलता रहा, लेकिन 2007 से पहले ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए इसे अधूरा छोड़ दिया।
उसके बाद अगले एक दशक तक यह पुल केवल चुनावी मुद्दा ही बना रहा। चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद इसे भूल जाते थे।
 वर्ष 2017 में झंडूता क्षेत्र की प्रबुद्ध जनता ने उन्हें सेवा करने का मौका दिया। विधायक बनते ही उन्होंने बागछाल पुल के निर्माण को गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में प्रयास शुरू किए। भाजपा सरकार के समय अनुभवी और कुशल इंजीनियरों को बुलाकर सर्वे करवाकर नए सिरे से डिजाईन तैयार करवाया गया। 2018 में इसे विधायक प्राथमिकता में डालकर उन्होंने 32.70 करोड़ की डीपीआर बनवाई। पहले चरण में 22 करोड़ रुपये का प्रावधान करवाकर इसका काम शुरू करवा दिया गया। पिछले 6 वर्षों में निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेने के लिए वह दर्जनों बार निर्माणाधीन पुल की साईट पर पहुंचे। युद्ध स्तर पर काम करने से गत 29 अगस्त को पुल के दोनों छोर जुड़ गए।