ठेकेदारों-फर्मों को दिया करोड़ों का लाभ, बिना काम श्रमिकों को 80.84 लाख का भुगतान।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को बजट सत्र के अंतिम दिन 2019-20 की कैग रिपोर्ट सदन में रखी। इसमें विभिन्न विभागों में हुई अनियमितताएं उजागर की गई हैं। इसमें शिक्षा विभाग में विद्यार्थियों को वर्दी देने में देरी और गड़बड़ियों का मामला प्रमुखता से उठाया गया है। इसके अलावा वन निगम में श्रमिकों की सेवा न लेने के बावजूद उन्हें पूरा भुगतान करने के कारण 80.84 लाख रुपये की हानि हुई।

लोक निर्माण विभाग में परित्यक्त सड़क कार्य पर निष्फल व्यय, फर्मों और ठेकेदार को अनुचित लाभ दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने और आपूर्ति आदेश जारी करने में देरी के कारण 2018-19 के दौरान विद्यार्थियों को वर्दी का कपड़ा उपलब्ध नहीं करवाया गया था।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को बजट सत्र के अंतिम दिन 2019-20 की कैग रिपोर्ट सदन में रखी। इसमें विभिन्न विभागों में हुई अनियमितताएं उजागर की गई हैं। इसमें शिक्षा विभाग में विद्यार्थियों को वर्दी देने में देरी और गड़बड़ियों का मामला प्रमुखता से उठाया गया है। इसके अलावा वन निगम में श्रमिकों की सेवा न लेने के बावजूद उन्हें पूरा भुगतान करने के कारण 80.84 लाख रुपये की हानि हुई। लोक निर्माण विभाग में परित्यक्त सड़क कार्य पर निष्फल व्यय, फर्मों और ठेकेदार को अनुचित लाभ दिया गया।

रिपोर्ट के अनुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने और आपूर्ति आदेश जारी करने में देरी के कारण 2018-19 के दौरान विद्यार्थियों को वर्दी का कपड़ा उपलब्ध नहीं करवाया गया था। वर्ष 2016 से 2018 और 2019 से 2020 में विभागीय अधिकारियों ने सर्दी के कपड़ों के वितरण में एक से 11 माह से अधिक का समय लिया।

सिलाई-प्रभार के वितरण में पांच से 164 दिनों का वक्त लिया। 2016 से 2020 के दौरान 200 विद्यार्थियों को सिलाई का भुगतान नहीं किया। निविदाएं आमंत्रित किए बगैर उसी प्रयोगशाला को वर्दी के नमूने के परीक्षण का कार्य सौंपने के परिणामस्वरूप 1.73 करोड़ रुपये का अनियमित व्यय किया।

योजना में विफलता, वन मंजूरी प्राप्त करने में देरी और विस्फोटक सामग्री उपलब्ध करवाने में देरी के कारण परित्यक्त सड़क कार्य पर 2.15 करोड़ रुपये का निष्फल व्यय हुआ। उच्च दर मद के अनधिकृत निष्पादन के कारण 53 लाख रुपये का अनुचित लाभ दिया गया। फि ना सिंह बांध के निर्माण में फर्म को 19.52 करोड़ रुपये का गलत लाभ दिया गया।

हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने विगत तीन वर्षों में 41 परियोजनाओं का निष्पादन किया, जिनमें से 14 परियोजनाओं की नमूना जांच की गई। छह परियोजनाओं में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुमोदन के 15 से 40 माह के मध्य की अवधि के बाद कार्य सौंपे गए। एक अनुबंध में कार्य सौंपे जाने के बाद विरोधाभासी प्रावधान एवं मूल्य विचलन खंड शामिल करने के कारण ठेके दार को 12.25 करोड़ का अनुचित लाभ पहुंचाया। सड़क चौड़ीकरण पर दो करोड़ रुपये का अस्वीकृत भुगतान और वस्तु एवं सेवा कर पर 24.57 का परिहार्य भुगतान किया।

स्वास्थ्य महकमे में अफसरों ने दबाए 7.81 करोड़

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग 10.61 करोड़ रुपये का व्यय करने के बाद भी पांच अस्पतालों मेें परिकल्पित ट्रॉमा केंद्रों को स्थापित करने में विफल रहा। इन अस्पताल प्राधिकारियों के पास 7.81 करोड़ रुपये की निधियां 30 से 57 महीने तक बेकार रहीं।

प्रोसेस ऑटोमेशन परियोजना पर 7.82 करोड़ रुपये व्यय, उपयोग नहीं

बागवानी उत्पादन विपणन एवं प्रस्संकरण निगम लिमिटेड ने प्रोसेस ऑटोमेशन परियोजना पर 7.82 करोड़ रुपये व्यय किए, लेकिन उसका उपयोग नहीं किया गया। 2.74 करोड़ रुपये अतिरिक्त देयता का भुगतान अभी किया जाना है।

बिजली बोर्ड में 4.88 करोड़ के ब्याज की हानि

बिजली बोर्ड में वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान स्टोर की मदों की खरीद पर वार्षिक व्यय 100.26 करोड़ से 259.27 करोड़ के मध्य था। 2018-19 में 38.13 करोड़ और 2019-20 में 88.67 करोड़ का अतिरिक्त स्टॉक रखा गया। 2018-19 की समाप्ति तक अतिरिक्त स्टॉक रखने के कारण कंपनी को 4.88 करोड़ की ब्याज हानि हुई। पिछले वर्ष की दरों से खरीद के आदेश देने के परिणामस्वरूप 1.40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अतिरिक्त व्यय हुआ।