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किसानों के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी , अपने पशु का मात्र 40 रूपए में करवाएं बीमा ,मिलेगा पूरा , 1 लाख 25 हजार

गौ संरक्षण और पशुधन कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम कर रही है। हरियाणा में गायों के संरक्षण के लिए कुछ प्रमुख योजनाएं लागू की गई हैं, और मध्य प्रदेश में गौ-संवर्धन और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए नई योजना की घोषणा की गई है।

मध्यप्रदेश की नई योजना
मध्यप्रदेश सरकार ने गौशालाओं में रहने वाले हर गौ-वंश के लिए प्रतिदिन 40 रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है, जो पहले 20 रुपये था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद इस योजना की जानकारी दी। इसके अलावा, प्रदेश में सीएनजी और बॉयोगैस संयंत्रों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

हरियाणा की योजनाएं
हरियाणा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत पशुपालकों को बड़े पशुओं का बीमा 100 रुपये से 300 रुपये में और छोटे पशुओं का 25 रुपये में किया जा रहा है। अनुसूचित जाति वर्ग के पशुपालकों के लिए यह बीमा मुफ्त है। राज्य के पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने यह जानकारी दी कि राज्य में गायों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने और गोबर से जैविक उत्पाद तैयार करने की पहल शामिल है।

बीमा योजना की विस्तृत जानकारी
पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना में गाय, भैंस, बैल, ऊंट, भेड़, बकरी और सूअर को कवर किया जाता है। इस योजना के तहत पशुपालक अपने बड़े पशुओं का बीमा सिर्फ 100 रुपये में कर सकते हैं और छोटे पशुओं का बीमा 25 रुपये में कर सकते हैं। योजना के तहत बीमा की अधिकतम राशि 1,25,000 रुपये प्रति बड़ा पशु और 5,000 रुपये प्रति छोटे पशु है। अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए बीमा निशुल्क है।

हरियाणा गौ सेवा आयोग का बजट
हरियाणा सरकार ने 2024-25 के बजट में हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए 510 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य में 215 पंजीकृत गौशालाओं की संख्या अब बढ़कर 683 हो गई है, जहां लगभग 4.5 लाख बेसहारा गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में गौ-वंश के लिए अनुदान और योजनाएं
मध्यप्रदेश में पंजीकृत गौशालाओं में हर गौ-वंश के लिए प्रतिदिन 40 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार ने गौशालाओं के निर्माण, पशुपालकों को लाभ देने, और गोचर भूमि को खाली कराने के लिए कई योजनाओं पर चर्चा की है। इसके अलावा, प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने पालतू और निराश्रित गौ-वंश की पहचान के लिए अलग-अलग रंग के टैग लगाने का सुझाव दिया है।

इस प्रकार, राज्य सरकारें गौ संरक्षण और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से न केवल पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं, बल्कि जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कदम उठा रही हैं।

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