बिलासपुर घुमारवीं- ०3 अक्टूबर, धार्मिक स्थल माता संतोषी के दरबार में आयोजित किए गए शारदीय नवरात्र के दौरान सोमवार को महाअष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
महाअष्टमी के मौके पर माता श्री संतोषी का विशेष पूजन अर्चन किया गया। महाअष्टमी के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। ऐसी मान्यता है कि महाअष्टमी के दिन ही माता भगवती का प्रादुर्भाव हुआ था। इतना ही नहीं इसी दिन भगवान श्रीराम ने सागर तट पर लंका विजय प्राप्त करने के लिए माता भगवती का पूजन किया था। जिससे प्रसन्न होकर माता भगवती ने भगवान राम को विजय श्री का आशीर्वाद दिया और विजयदशमी के मौके पर प्रभु श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय पाई थी। बताते है कि इसी समय से शारदीय नवरात्रों का प्रचलन शुरू हुआ था।
वहीं, महाअष्टमी पर दूर दराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने संतोषी माता के दरबार में पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ कंजक पूजन भी किया।
महादुर्गा अष्टमी नवरात्रि के आठवें दिन सुबह से ही मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने संतोषी माता के द्वारवार में हाजिरी लगाई।
जहां पूरे विश्व में माता के शक्ति रूप की पूजा होती है, वहीं यहां माता के भक्ति रूप की आराधना की जाती है। माँ की शक्ति रूपी मूर्ति काफी सुन्दर और मनोहक है! शुक्रवार का दिन संतोषी माँ के दर्शन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
कहते है माँ संतोषी की पूजा करने से भक्त के दुर्भाग्य दूर होते है और उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
मान्यता है 16 शुक्रवार तक लगातार माँ संतोषी का व्रत करने और पुरे विधि-विधान से पूजा करने से माँ संतोषी प्रसन्न होती है और परिवार में सुख और शांति का आशीर्वाद देती है।
नवरात्री पर यहां ना केवल हिमाचल बल्कि बाहरी अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैl
श्रद्धालुओं का कहा कि मां संतोषी माता कष्टों को हरने वाली हैlसच्चे मन से कुछ मांगता है वो खाली हाथ नहीं लौटता है।