बिलासपुर: जिला बिलासपुर के शिव भोलेनाथ शिवालयों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब देवों के महादेव शिव भोले शंकर के लगें जयकारे।

बिलासपुर घुमारवीं: 19 जुलाई 2022   सावन महीने के दुसरे मंगलवार को  घुमारवीं के अंतर्गत आने वाले शिव मंदिर पन्याला में भक्तों ने भगवान शिव भोलेनाथ की पूजा  अर्चना की। जिला बिलासपुर घुमारवीं से  सरकाघाट सुपर हाइवे पर पन्याला में शिव मंदिर में भी भक्त  नतमस्तक हुए।इस शिव मन्दिर की अलग ही बात है, यहां 12 ज्योतिलिंग स्थापित किए गए हैं। मंगलवार सुबह  से ही भक्तों की कतारें लगना शुरू हो जाती है।
इसके साथ मोरसिंधी, बछड़ी मसधाण, घुमारवीं, भराड़ी, लदरौर,बम्म, आदि शिवालयों में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब शिव भोलेनाथ शंकर के जयकारों से गूंज उठा देवों के देव महादेव शिव शम्भू का शिवालयाऺ।
सावन माह में भगवान भोले को दूध का अभिषेक करना चाहिए तथा आक के फूल और कनेर के फूल भी चढ़ाने चाहिए। जल चढ़ाने समय ध्यान रखें कि लोटा ताम्बे का हो। वहीं अगर दूध का अभिषेक कर रहे हैं तो लोटा चांदी या पीतल का हो, भगवान शिव को ये बेहद प्रिय है।इसके अलावा बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत, केसर, घी, शक्कर, गंगाजल आदि भी सावन के महीने में भगवान भोले को चढ़ाया जाता है। भगवान के प्रिय चीजों को उनपर चढ़ाने से वो प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
 लेकिन सावन महीने का अपना एक अलग ही महत्व है। सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक भी शिव पूजन के लिए सावन का महीना सर्वोपरि है। यही वजह है सावन के महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है।इस पूरे महीने भक्तजन भगवान भोलेनाथ की विधि विधान और श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करते हैं।ऐसा माना गया है कि सावन महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करता है उसे भगवान शिव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। अगर भक्त इस माह में कुछ खास बातों का ख्याल रखें तो उन्हें भगवान भोले का उन्हें विशेष आशीर्वाद मिलता है।