बिलासपुर घुमारवीं-17 अक्टूबर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स बिलासपुर में बच्चों की ओपीडी, मेडिसिन, सर्जरी समेत अन्य ओपीडी में 80 से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिनका इलाज एम्स के विशेषज्ञ कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि अब मिल रही है। आईजीएमसी और पीजीआई रेफर होने से लोगों को राहत मिल रही है।
जिन ऑपरेशन के लिए घायलों और मरीजों को आईजीएमसी शिमला और पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रेफर किया जाता था।
अब आपात स्थिति में उन्हें रेफर नहीं किया जा रहा है। एम्स के लोकार्पण के बाद संस्थान में चार मेजर ऑपरेशन हो चुके हैं।
एम्स में आधुनिक स्तर का एमआरआई और सीटी स्कैन भी शुरू हो गया है। इससे लोगों को आर्थिक बचत भी हो रही है। वर्तमान में एम्स में कार्डियो विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी, सीटीवीएस (हृदय बाईपास सर्जरी), मेडिकल ऑन्कोलॉजी ( कैंसर संबंधी बीमारी), रेडिएशन ऑन्कोलॉजी ( कैंसर थैरेपी), ओबीएस एंड गायनी, डर्मेटोलॉजी
एमआरआई, सीटी स्कैन भी शुरू, रेडियोलॉजिस्ट दे रहे सेवाएं संस्थान में हर दिन हो रही 400 से लेकर 500 ओपीडी
(त्वचा विशेषज्ञ), शिशु रोग विशेषज्ञ, नियोनेटॉलाजी (नवजात बच्चों की ओपीडी), नेफ्रोलॉजी (गुर्दे, किडनी संबंधित), सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ( कैंसर विज्ञान शल्य चिकित्सा), एंडोक्रिनोलॉजी ( हारमोन उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों संबंधी), मनोचिकित्सक, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जनरल मेडिसिन, ईएनटी, नेत्र विभाग की ओपीडी में विशेषज्ञ की सेवाएं दे रहे हैं।
लोगों को कार्डियोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट समेत कई अहम विशेषज्ञों की सेवाएं मिल रही है। प्रतिदिन एम्स में सभी विभाग की 500 तक की ओपीडी हो रही है।
सीटीवीएस, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी के विशेषज्ञ भी लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उद्घाटन के बाद एम्स में ट्रामा सर्जरी में चार मेजर ऑपरेशन हो चुके हैं।