बिलासपुर- शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से मिलता है पूजन का फल, माता रानी करेंगी हर मनोकामना पूरी।

बिलासपुर घुमारवी- 24 सितंबर, 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत हो रही है, जो 5 सितंबर तक चलेंगे नवरात्रि में कलश का विशेष महत्व रहता हैl कलश स्थापना पहले नवरात्रि के दिन ही की जाती है.lमाना जाता है कि मां दुर्गा के नौ स्वरूप इस कलश में वास करते हैं। मां दुर्गा को लाल रंग पंसद है, इसलिए कलश स्थापित करते वक्त नारियल को लाल चुन्नी में लपेटा जाता हैl

कलश को स्थापित करते वक्त चौकी पर चावल रखना शुभ माना जाता है, चावल के ऊपर ही घटस्थापना होती है और इसमें नारियल आम के पत्ते और लाल चुन्नी का प्रयोग किया जाता हैl

सनातन संस्कृति में नवरात्रि ही नहीं अन्य शुभ कार्यों में भी कलश स्थापना का अपना एक विशेष महत्व है।
किसी भी पूजा में प्रयोग में लाए जाने वाले कलश को समुद्र मंथन में निकले अमृत कलश के समतुल्य माना जाता है।
यह कलश श्रद्धा का माध्यम और प्रतीक होता है, जोकि भक्ति का शुभ फल दिलाने का माध्यम बनता है।
मान्यता है कि कलश में नौ देवियों के स्वरूपों का वास होता हैl सनातन संस्कृति में शुभ कार्य के वक्त पूजन में कलश स्थापना के दौरान इसमें नवग्रह 27 नक्षत्र और करोड़ों तीर्थों का वास माना जाता हैl

नवरात्रि ही नहीं हिंदू संस्कृति में पूजन के वक्त कलश स्थापना को विशेष महत्व दिया जाता हैl हर दैवीय कारज में कलश स्थापना की जाती है।
इस कलश में देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
माना जाता है कि देवी पूजा में कलश की विधि-विधान से स्थापना करने पर सुख, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय और सफलता की प्राप्ति होती है,

कहा जाता है कि यदि आप आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं तो उसे दूर करके घर में धन का भंडार भरने के लिए लक्ष्मी कलश की स्थापना की जानी चाहिएl
नवरात्रि में नौ दिन तक पूजन के बाद कलश की सामग्री को प्रवाहित किया जाता हैlकलश में लाल चुन्नी के प्रयोग के साथ ही नवमी के दिन कन्या पूजन के दौरान भी लाल चुन्नी कन्याओं को भेंट की जाती हैl
कलश में मां दुर्गा के साक्षात नौ स्वरूपों के पूजन का प्रतिफल होता हैl इस कलश स्थापना के साथ ही पूजन स्थल पर किसी भी प्रकार के नशे के सेवन के साथ प्रवेश निषेध होता हैl
ऐसा कोई प्राणी पूजन स्थल के करीब न आएं जिससे दैवीय कार्य में कोई विघ्न होl
कलश पूजन में कई नियमों का पालन जरूरी हैl