सुक्खू सरकार पर भाजपा का आरोप – सनातन और गोमाता के साथ छल
शिमला – हिमाचल प्रदेश में मंदिरों के चढ़ावे और गौसंवर्धन को लेकर भाजपा और कांग्रेस सरकार के बीच घमासान तेज हो गया है। भाजपा विधायक और पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कांग्रेस सरकार पर सनातन परंपरा और गोमाता के साथ छल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अब झूठ और अफवाहों का सहारा लेकर अपने गलत फैसलों को सही ठहराने की कोशिश कर रही है।
भाजपा ने गौसंवर्धन के लिए बनाए थे ठोस प्रावधान
सुखराम चौधरी ने कहा कि भाजपा की पूर्व सरकार ने हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक संस्था और पूर्त विन्यास अधिनियम, 1984 में 2018 में संशोधन किया था, जिसमें स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि मंदिरों के चढ़ावे का 15% भाग गौशालाओं के निर्माण, रखरखाव और स्तरोन्नयन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत गोवंश संवर्धन को प्राथमिकता दी गई थी, जिससे प्रदेश में गोसदनों की संख्या 220 तक पहुंची और गोवंश की संख्या 22,000 हो गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गौसेवा आयोग के माध्यम से गौशालाओं को सहायता दी और प्रति गोवंश 700 रुपए अनुदान देने की व्यवस्था की थी। साथ ही, जयराम सरकार के दौरान 47 करोड़ की लागत से 9 गौ-अभयारण्य भी बनाए गए। चौधरी ने स्पष्ट किया कि पूर्व सरकार ने इन कार्यों के लिए मंदिरों के चढ़ावे से कोई धनराशि नहीं ली थी।
सरकार की अधिसूचना पर उठाए सवाल
सुखराम चौधरी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने जिलाधीशों को जो पत्र भेजा है, उसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मंदिरों के चढ़ावे की राशि को सरकारी योजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय यह तय किया गया था कि टेंपल ट्रस्ट अपनी गौशाला चला सकते हैं, यदि नहीं तो वे अपने जिले की किसी पंजीकृत गौशाला को यह राशि दान कर सकते हैं। लेकिन वर्तमान सरकार अब इस राशि को सरकारी योजनाओं में लगाने की कोशिश कर रही है, जो अनुचित है।
गौमाता के नाम पर केवल घोषणाएं, कोई क्रियान्वयन नहीं
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फरवरी 2024 के बजट में गौशालाओं के लिए प्रति गोवंश अनुदान 700 से बढ़ाकर 1200 रुपए करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक एक भी पैसा गौशालाओं को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घोषणा का प्रचार तो खूब किया, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुखाश्रय योजना और सुख शिक्षा योजना की तरह ही इस योजना का भी केवल प्रचार किया गया और अब सरकार मंदिरों से पैसे वसूलने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने सरकार से मांगा जवाब
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे पूर्व सरकार द्वारा किए गए गौसंरक्षण के कार्यों का समर्थन करते हैं या नहीं? साथ ही, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि सनातन परंपरा और गोमाता के खिलाफ़ सरकार की मंशा क्या है?
भाजपा ने सरकार से मांग की है कि मंदिरों के चढ़ावे की राशि को सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल करने की साजिश बंद की जाए और गौमाता के नाम पर की गई घोषणाओं को शीघ्र लागू किया जाए।