BREAKING – चारों धामों से मिल रहे अंत के संकेत, क्या सच हो रही है भविष्यवाणी

चारों धाम (जगन्नाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम और रामेश्वरम धाम) हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थल हैं. इन धामों से जुड़ी कई किंवदंतियां और मान्यताएं हैं. हाल के समय में इन धामों से जुड़ी कुछ घटनाओं के आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि कलयुग का अंत नज़दीक है. इन धामों में आए भूकंप, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं को कलयुग के अंत का संकेत माना जा रहा है. कुछ लोग मानते हैं कि पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में कलयुग के अंत के बारे में भविष्यवाणियाँ की गई हैं और ये घटनाएं उन्हीं भविष्यवाणियों की ओर इशारा करती हैं. दुनिया भर में हो रहे सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों को भी कलयुग के अंत से जोड़कर देखा जा रहा है.

तीर्थ स्थलों पर तबाही

हाल ही में उत्तराखंड के चार धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भयंकर आपदाएं आई हैं. 2013 में केदारनाथ में आई आपदा ने हजारों लोगों की जान ली थी, और अब हाल ही में इन क्षेत्रों में लगातार आपदाएं आ रही हैं. केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में भारी बारिश, बादल फटने, और भूस्खलन जैसी घटनाएं देखने को मिली हैं, जिनसे यात्रा मार्ग बाधित हुए हैं और कई लोगों की जानें गई हैं. यही हाल गंगोत्री और यमुनोत्री में भी है, जहां नदियां उफान पर हैं और यात्रा कठिन हो गई है. इन घटनाओं को एक संकेत माना जा रहा है.

हिंदू नरसंहार

हाल ही में बांग्लादेश में हुए हिंदू नरसंहार ने भी हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है. वहां हिंदू समुदाय को अपने धार्मिक स्थलों और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. भगवान कृष्ण का संदेश स्पष्ट है—हमारे कर्म ही हमें सही दिशा में ले जाते हैं.