हिम अकादमी पब्लिक स्कूल में आकलन और मूल्यांकन पद्धतियों को मजबूत करने पर क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित

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हिम अकादमी पब्लिक स्कूल में आकलन और मूल्यांकन पद्धतियों को मजबूत करने पर क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित

हमीरपुर, 17 मार्च 2025। हिम अकादमी पब्लिक स्कूल, विकास नगर में 16 और 17 मार्च 2025 को “आकलन और मूल्यांकन पद्धतियों को मजबूत करने” पर दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक मूल्यांकन तकनीकों से अवगत कराना था। कार्यशाला विद्यालय के सभागार में संपन्न हुई, जिसमें शिक्षण विशेषज्ञों ने शिक्षकों को मूल्यांकन के नवीनतम दृष्टिकोणों से परिचित कराया।

प्रतिष्ठित विशेषज्ञों का मार्गदर्शन

इस कार्यशाला का संचालन दो प्रतिष्ठित संसाधन व्यक्तियों ने किया:

  1. डॉ. सुरेश अग्रवाल (पूर्व प्रधानाचार्य एवं सीबीएसई मास्टर ट्रेनर, गणित)
  2. श्रीमती वीणा सिंह (शैक्षिक सलाहकार, बोर्ड परामर्शदाता एवं यूनिसन वर्ल्ड स्कूल, देहरादून की संस्थापक प्रधानाचार्या)

कार्यक्रम में विद्यालय के चेयरपर्सन प्रो. आर.सी. लखनपाल, वाइस चेयरपर्सन श्रीमती चंद्रप्रभा लखनपाल एवं शैक्षणिक प्रधानाचार्य डॉ. हिमांशु शर्मा सहित कुल 60 शिक्षकों ने भाग लिया।

आधुनिक मूल्यांकन तकनीकों पर चर्चा

इस कार्यशाला में शिक्षकों को विभिन्न मूल्यांकन तकनीकों से अवगत कराया गया, जो छात्रों के सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होंगी। प्रमुख बिंदु:

  • आंतरिक मूल्यांकन के तहत सतत मूल्यांकन की आवश्यकता को समझाया गया।
  • मल्टीपल असेसमेंट के माध्यम से विभिन्न रणनीतियों को अपनाने पर बल दिया गया, जिससे विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास का आकलन किया जा सके।
  • एसएमएआरटी लक्ष्यों (विशिष्ट, मापने योग्य, प्राप्त करने योग्य, प्रासंगिक एवं समयबद्ध लक्ष्य) की अवधारणा पर चर्चा की गई।
  • शिक्षण के लिए आकलन, शिक्षण का आकलन और शिक्षण के रूप में आकलन के बीच के अंतर को स्पष्ट किया गया।
  • एलएएआर चक्र (LAAR Cycle of Assessment) को समझाया गया, जिसमें सीखने, आकलन, विश्लेषण और चिंतन को शामिल किया गया।

मूल्यांकन दस्तावेज़ और पोर्टफोलियो मूल्यांकन पर जोर

शिक्षकों को मूल्यांकन दस्तावेजों को सुव्यवस्थित रखने के महत्व पर बल दिया गया, ताकि विद्यार्थियों की प्रगति को प्रभावी ढंग से ट्रैक किया जा सके। इसके अलावा:

  • पोर्टफोलियो मूल्यांकन अपनाने पर जोर दिया गया, जिससे छात्रों के प्रदर्शन का सटीक विश्लेषण किया जा सके।
  • विषय संवर्धन गतिविधियां, कला समावेशित शिक्षा, नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क, प्रश्न-पत्र ब्लूप्रिंट, ब्लूम टैक्सोनॉमी जैसी मूल्यांकन पद्धतियों पर विशेष ध्यान दिया गया।

शिक्षकों को मिला महत्वपूर्ण मार्गदर्शन

इस कार्यशाला के माध्यम से शिक्षकों को मूल्यांकन पद्धतियों में नवीनता लाने और विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। यह आयोजन हिम अकादमी पब्लिक स्कूल के शिक्षकों को मूल्यांकन की आधुनिक विधियों को अपनाने और प्रभावी शिक्षण रणनीतियों को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा।