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सावधान – भारत में बढ़ने लगा HMPV वायरस, अब तक 16 केस पाजटिव

सावधान – भारत में बढ़ने लगा HMPV वायरस, अब तक 16 केस पाजटिव

नई दिल्ली: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, और अब तक देश में कुल 16 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को असम में पहला मामला रिपोर्ट हुआ, जहां 10 महीने का बच्चा HMPV पॉजिटिव पाया गया। बच्चा डिब्रूगढ़ में असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में इलाज के लिए भर्ती है, और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को चार दिन पहले सर्दी और जुकाम के लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इसके अलावा, पुडुचेरी में भी एक तीन साल का बच्चा HMPV संक्रमित पाया गया, लेकिन वह अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है।

HMPV के सबसे अधिक मामले गुजरात में
देश में HMPV के सबसे अधिक 4 मामले गुजरात में दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में 3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2 मामले सामने आए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम और पश्चिम बंगाल में एक-एक केस की पुष्टि हुई है।

राज्यों ने बढ़ाई सतर्कता
HMPV के मामलों में वृद्धि के बाद, विभिन्न राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है। पंजाब ने बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी है। वहीं, गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं, और हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग को HMPV मामलों पर निगरानी रखने का आदेश दिया गया है।

HMPV और छोटे बच्चे
HMPV संक्रमित होने पर आमतौर पर सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है, विशेष रूप से 2 साल से कम उम्र के बच्चों में। केंद्र सरकार ने राज्यों को ‘इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस’ और ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इश्यूज’ जैसी सांस की बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।

HMPV के लक्षण और बचाव
HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। खांसी, गले में खराश, नाक बहना और घरघराहट इसके सामान्य लक्षण हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलता है, और संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने पर भी फैल सकता है। HMPV के लिए कोई एंटीवायरल दवा नहीं है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह वायरस स्वयं ठीक हो जाता है।

भारत सरकार की तैयारी
भारत सरकार ने कहा है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के मामलों में किसी भी असामान्य वृद्धि की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा और गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों पर निगरानी रखी जा रही है, और अब HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाई जाएगी।

HMPV और कोविड-19 में समानताएं
HMPV और कोविड-19 दोनों वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं और सांस के जरिए फैलते हैं। हालांकि, दोनों वायरस अलग-अलग परिवारों से आते हैं, और HMPV के मामलों में विस्फोटक फैलाव की स्थिति नहीं देखी गई है। दोनों वायरस से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों को ज्यादा खतरा होता है।

कोरोना की तरह HMPV के लिए वैक्सीनेशन नहीं
HMPV के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनाई गई है, और इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग भी नहीं किया जा सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में HMPV के लक्षण हल्के होते हैं और इसे घर पर आराम करके ठीक किया जा सकता है। गंभीर मामलों में अस्पताल में ऑक्सीजन थेरेपी और अन्य उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि HMPV के मामलों में सामान्य तौर पर समय के साथ कमी आ जाती है, और फिलहाल यह चिंता का कोई बड़ा कारण नहीं है।

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