हर जगह झूठ की दुकान सजा लेते हैं मुख्यमंत्री, राजेंद्र राणा
सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पद की गरिमा का सम्मान रखना चाहिए और झूठ बोलने से बचना चाहिए। यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि ने न केवल हिमाचल की जनता को झूठे वादों में फंसाया, बल्कि महाराष्ट्र में भी जाकर झूठे दावे करके जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का महाराष्ट्र में जाकर अपने वादों की झूठी दुकान सजाना और वहां भी झूठे आंकड़े प्रस्तुत करना प्रदेश की जनता में उन्हें उपहास का पात्र बना रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जहां जाते हैं, वहां झूठ की दुकान सजा कर बैठ जाते हैं।
राजेंद्र राणा ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र में यह कहकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया कि हिमाचल प्रदेश में 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं को ₹1500 मासिक भत्ता देने का कांग्रेस का वादा पूरा हो गया है। जबकि वास्तविकता इससे कोसों दूर है। लाखों महिलाओं ने इस पेंशन के लिए आवेदन किया था, परन्तु सरकार ने उन आवेदनों को ठुकराकर कूड़ेदान में फेंक दिया। उन्होंने खुलासा किया कि मात्र दुर्गम क्षेत्र डोडरा क्वार की करीब 500 महिलाओं और लाहौल-स्पीति की 850 महिलाओं को इस पेंशन का लाभ देकर सुख की सरकार यह ढोल पीटने में लगी है कि उसने पूरे प्रदेश की महिलाओं को यह लाभ दे दिया है है, जबकि बाकी प्रदेश की महिलाओं को निराशा ही हाथ लगी है। राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के इस झूठे दावे का पूरे प्रदेश की महिलाएं मजाक बना रही हैं।
राणा ने मुख्यमंत्री पर रोजगार के नाम पर हिमाचल के युवाओं को छलने का आरोप भी लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वह जिस ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) का ढोल पीटते रहते हैं, उसके बारे में सच्चाई बताएं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आखिर इस सरकार ने कितने कर्मचारियों को अब तक ओपीएस का वास्तविक लाभ पहुंचाया है, या यह भी मात्र एक छलावा बनकर रह गया है? प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को संशोधित वेतनमान का एरियर तक देने में यह सरकार नाकाम रही है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि सुक्खू सरकार केवल कागजों पर योजनाएं दिखाकर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश की जनता के प्रति यह सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील है और केवल प्रचार की राजनीति कर रही है।