मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का निर्देश: 20 अप्रैल तक नशे के नेटवर्क पर विस्तृत डोजियर तैयार करें
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी जिला प्रशासन को नशे के नेटवर्क को खत्म करने और इसके खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। 20 अप्रैल तक पंचायत स्तर पर ‘चिट्टा’ सप्लायरों और उनके आदी सहित ड्रग नेटवर्क की मैपिंग पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि इस वर्ष 15 मार्च तक मैपिंग पूरी करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक किसी भी जिले ने लक्ष्य प्राप्त नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को नशे के तस्करों और उपभोक्ताओं पर विस्तृत डोजियर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल को प्रगति की समीक्षा की जाएगी और यदि अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट दी तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह पंचायत स्तर पर औचक निरीक्षण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने नशे के दुरुपयोग को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और अधिकारियों से नशे के नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए। नशा माफिया द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए 259 संपत्तियों की पहचान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम और हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पारित किया है, जिसका प्रभावी क्रियान्वयन होना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने पर विचार करने के साथ-साथ डीसी को खाली पड़े सरकारी भवनों की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जन शिकायतों के समाधान को प्राथमिकता देने और मामलों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने खंड स्तर पर अधिकारियों को सरकारी स्कूलों को गोद लेने और नियमित मासिक दौरा करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि छात्रों में नशे के दुष्परिणामों और अन्य सामाजिक बुराइयों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने जिम्मेदार नागरिकों को आकार देने के लिए राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने की बात की।
मुख्यमंत्री ने ‘विधवा और एकल नारी आवास योजना’ और ‘महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना’ की भी समीक्षा की और सभी डीसी को पात्र लाभार्थियों की पहचान में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि वे जल्द से जल्द लाभ उठा सकें।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, सचिव आशीष सिंहमार और राजेश शर्मा उपस्थित थे। वहीं, डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा सहित सभी डीसी और एसपी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए।