कांग्रेस पार्टी को केंद्र से क्या मिला इसकी चिंता छोड़ प्रदेश के विकास पर ध्यान देना चाहिए : कश्यप

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कांग्रेस पार्टी को केंद्र से क्या मिला इसकी चिंता छोड़ प्रदेश के विकास पर ध्यान देना चाहिए : कश्यप

शिमला, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि हर आम बजट में केंद्र सरकार ने हमेशा हिमाचल प्रदेश का पूरा ध्यान रखा है। कांग्रेस पार्टी को केंद्र से क्या मिला इसकी चिंता छोड़ प्रदेश के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर हम पिछला बजट में देखें तो हिमाचल सरकार को पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली विभिन्न ग्रांट की राशि 23,413 करोड़ रुपये के आसपास थी , जो कि कम नहीं होती। पर कांग्रेस सरकार को बताना चाहिए कि उस पैसा का क्या उपयोग हुआ है। केंद्र सरकार ने एम्स बिलासपुर रिकॉर्ड समय में शुरू किया और 1471 करोड़ की लागत से एम्स को 247 एकड़ (99.96 हेक्टेयर) भूमि में स्थापित किया गया, आई आई आई टी ऊना में पढ़ाई शुरू कर दो गई थी, देहरा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, कुल 6 नए केन्द्रीय विद्यालयों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, 5 मार्च 2024 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के दोसड़का में करीब 4000 करोड़ की 15 एनएच परियोजनाओं, रोपवे प्रोजेक्ट के उद्घाटन व शिलान्यास किए था इसी के साथ साथ हिमाचल में साल के अंत तक एक लाख करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे या निर्माणाधीन होंगे जिस पर केंद्र सरकार द्वारा काम किया गया था। नादौन और सलोह में केंद्रीय विद्यालयों के भवनों का निर्माण कार्य पूरा हुआ, बंगाणा के भी केंद्रीय विद्यालय का निर्माण 50% पूरा हुआ जो कि पूरे हो चला है, ऊना में नेशनल सेंटर फॉर स्पेशल चाइल्ड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट स्थापित हुआ। केंद्र सरकत ने हमीरपुर के जोल सप्पड़ में मेडिकल कॉलेज , ऊना में पीजीआई सैटेलाइट केंद्र का निर्माण हुआ, हमीरपुर ऊना व बिलासपुर के लिए डायलिसिस सेंटर, हमीरपुर, बिलासपुर व ऊना में मदर चाइल्ड अस्पताल, ऊना में ट्रॉमा सेंटर के लिए ₹12 करोड़ की धनराशि मंजूर किया गया।
 आईआईएम धौलाकुआं जिला सिरमौर स्वीकृत राशि 500 करोड़ हुई। मेडिकल कॉलेज नहान भवन की स्वीकृत राशि 370 करोड़, रेणुका बिजली डैम की स्वीकृत 6946.99 करोड़ केंद्र सरकार ने मिले पर कांग्रेस सरकार ने इन कार्य को रोकने का प्रयास किया।ग्रीन कॉरिडोर एन. एच. 707 पांवटा साहिब- राजवन शिलाई हाटकोटी के लिए स्वीकृत राशि 1426 करोड़ है। मेडिकल डिवाइस पार्क नालागड़ 5000 करोड़ को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस के नेताओं का नारा जय बापू, जय भीम, जय संविधान उनके किए गए कृत्यों के विपरीत : भारद्वाज
शिमला, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस संविधान के लिए लड़ने का नाटक कर रही है, एसी क्या नौबत आ गई की प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं समस्त नेताओं को मध्यप्रदेश में कांग्रेस आलाकमान के आगे हाजरी लगानी पड़ गई। उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है कि कांग्रेस का आंबेडकर को लेकर क्या स्टैंड है पर कांग्रेस नाटक करने से बाज नहीं आ रही है। कांग्रेस के नेताओं का नारा जय बापू, जय भीम, जय संविधान उनके किए गए कृत्यों के विपरीत है।
राजीव ने कहा कि जिसके दिल में राष्ट्र के प्रति समर्पण हो वह कभी भी देश को तोड़ने या कमजोर करने की बात नहीं कर सकता बाबासाहेब डॉ अंबेडकर ने भी अपने हर निर्णय में इसी समर्पण को प्राथमिकता दी, आजादी के बाद जब सरदार पटेल सैकड़ों रियासतों को जोड़कर भारत को एकता के सूत्र में बांध रहे थे कश्मीर के राजा हरि सिंह भी बिना शर्त भारत में विलय के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन उसी समय शेख अब्दुल्ला ने पंडित नेहरू से जम्मू कश्मीर के लिए विशेष अधिकारों की मांग कर दी। नेहरू ने देश की एकता और सुरक्षा पर पड़ने वाले गंभीर खतरे को दरकिनारे करते हुए बाबा साहिब से जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान बनाने का आदेश दिया। लेकिन बाबा साहेब ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए इस आदेश को सख्ती से ठुकरा दिया, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में और निर्भीकता से कहा “आप चाहते हैं कि भारत कश्मीर की सीमाओं की रक्षा करें, सड़कों का निर्माण करें, अनाज और मदद पहुंचाए लेकिन भारतीय नागरिकों को कश्मीर में कोई अधिकार ना हो यह भारत के हितों के खिलाफ है। एक भारतीय कानून मंत्री होने के नाते मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा”। जब बाबा साहेब अंबेडकर ने जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान बनाने से साफ इंकार किया तो नेहरू ने उनके फैसले को नजरअंदाज करते हुए गोपाल स्वामी अयंगर पर दबाव बनाया। कश्मीर का संविधान नेहरू के करीबी शेख अब्दुल्ला के अनुसार तैयार हुआ और देश की अखंडता को कमजोर करते हुए नेहरू ने धारा 370 लागू कर दी, बाबा साहिब ने जिस खतरे की चेतावनी दी थी वो सच साबित हुई। धारा 370 ने कश्मीर को भारत से अलग थलग कर दिया और यह क्षेत्र आतंकवाद , अलगाववाद और परिवारवाद की चपेट में आ गया। हजारों युवा हथियार उठाने को मजबूर हुए और विकास के सारे रास्ते बंद हो गए, दशकों तक कांग्रेस की सरकारें इस विनाशकारी धारा की आड़ में कश्मीर को गर्त में धकेलती रही।