भारत माँ के महान सपूत मानिक शाह की पेंशन रोकने वाली कांग्रेस को सैनिकों की बात करने का हक नहीं : धूमल

 भारत माँ के महान सपूत फ़ील्ड मार्शल मानिक शाह की पेंशन रोक कर रखने वाली कांग्रेस, 1962 में बर्फीले पहाड़ों पर बिना गर्म कपड़ों और हथियारों के अपने सैनिकों को युद्ध में झोंकने वाली कांग्रेस,वन रैंक वन पेंशन के मुददे को लटका कर यूपीए की सरकार के 10 वर्षों में 12 लाख करोड रुपए के घोटाले करने वाली कांग्रेस और सर्जीकल स्ट्राइक के बाद सेना के पराक्रम पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को सैनिकों और उनकी पेंशन से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बात करने का अधिकार नहीं है। रविवार को हमीरपुर में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने यह बड़ा बयान दिया है। गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस के राहुल गांधी ने प्रदेश के दो स्थानों पर चुनावी सभाओं में अग्निवीर योजना पर सवाल उठाए थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि फील्ड मार्शल मानिक शाह की पेंशन को कई वर्षों तक रोकने और उनको बेइज्जत करने का काम कांग्रेस की सरकारों ने किया था। वर्षों बाद जब देश के राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम आजाद बने तब उनकी पेंशन बहाल हो सकी थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों और शहीदों के ऊपर बोलने का अधिकार कांग्रेस को इसलिए भी नहीं है क्योंकि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार में देश के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शहीदों का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचना और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होना शुरू हुआ था जबकि इससे पहले शहीदों के परिजनों को उनकी अटैची कुछ कपड़े और निजी सामान यही याद के रूप में सेना  की ओर से मिलता था और यही नहीं सैनिकों का दशकों पुराना  वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा अगर किसी ने हल किया तो वह प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया है।