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संविदा कर्मचारियों की बल्ले बल्ले , हो सकते हैं परमानेंट , और जाने।

संविदा कर्मचारियों की बल्ले बल्ले , हो सकते हैं परमानेंट , और जाने।

पिछले महीने संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए हेमंत सोरेन के नेतृत्व में रिकॉर्ड 34 सीटें जीतीं। वहीं, उनके गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने 16, राजद ने 4 और सीपीआई (एम-एल) ने 2 सीटें हासिल की थीं। इस सफलता के साथ झामुमो ने राज्य में भाजपा के चुनावी मंसूबों को ध्वस्त कर दिया।

मंत्रिमंडल विस्तार की योजना

तीन दिन पहले ही हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, हालांकि उनके मंत्रिमंडल का विस्तार अभी बाकी है। बताया जा रहा है कि झामुमो ने कांग्रेस और राजद से विधायकों के नाम मांगे हैं, और जैसे ही नाम तय हो जाएंगे, मंत्रिमंडल का ऐलान किया जाएगा। इस विस्तार के बाद, हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जा सकती है, जो 5 या 6 दिसंबर को रांची में हो सकती है।

चुनावी वादों का पालन

अब हेमंत सोरेन की सरकार पर राज्य के विभिन्न वर्गों की उम्मीदें टिकी हुई हैं। महिलाओं, युवाओं, किसानों और अन्य समुदायों ने चुनाव से पहले किए गए वादों के संबंध में सरकार से अपेक्षाएं जताई हैं।

मैय्या सम्मान योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली सम्मान राशि में वृद्धि की घोषणा की गई थी। जहां पहले महिलाओं को 1,000 रुपये की सम्मान राशि मिलती थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये किया जाएगा। इस योजना की पांचवी किस्त 11 दिसंबर तक महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा सकती है।

इसके अलावा, हेमंत सोरेन ने रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में वृद्धि और पीडीएस के तहत वितरित राशन में इजाफे का भी वादा किया था, जिसके बारे में जल्द ही कार्यवाही की संभावना है।

नोटिफिकेशन:
यह वादे और योजनाएं राज्य के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, और राज्य के लोगों को नई उम्मीदें जगाती हैं।

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