हिमाचल प्रदेश के बजट पर विवाद: जयराम ठाकुर ने सरकार पर साधा निशाना
शिमला, 17 मार्च: हिमाचल प्रदेश के बजट 2025-26 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस बजट को निराशाजनक और विकास विरोधी करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट राज्य की जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता और इसमें कोई ठोस विजन नजर नहीं आता।
बजट में नहीं दिखी वृद्धि, ऐतिहासिक गिरावट का आरोप
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार बजट के आकार में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में महज 71 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जो कुल बजट का मात्र 0.12 प्रतिशत है। उनके अनुसार, यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि सरकार विकास की दिशा में गंभीर नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले के वर्षों में बजट का एक बड़ा हिस्सा आधारभूत ढांचे के निर्माण में जाता था, लेकिन इस बार यह आंकड़ा घटकर 24 प्रतिशत रह गया है। साल 2018-19 से 2022-23 तक विकास कार्यों के लिए बजट का औसतन 39 से 43 प्रतिशत हिस्सा निर्धारित किया जाता था, लेकिन इस साल यह आंकड़ा बेहद कम हो गया है।
सरकार की योजनाओं पर भी उठाए सवाल
जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सरकार ने चार नई योजनाएं शुरू करने का दावा किया था, लेकिन उनमें से किसी का भी असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा।
- इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना पर महज 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
- इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 21.93 करोड़ रुपये ही व्यय हुए।
- सुखाश्रय योजना के लिए मात्र 11.35 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
- राजीव गांधी स्टार्टअप योजना में केवल 2.91 करोड़ रुपये लगाए गए।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं पर जितना पैसा लाभार्थियों तक पहुंचा, उससे अधिक राशि इनके प्रचार-प्रसार पर खर्च कर दी गई। इसके अलावा, पिछली सरकार की कुछ कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया और केंद्र सरकार की योजनाओं के फंड को अन्य मदों में इस्तेमाल किया गया।
सरकार पर लगाए कुप्रबंधन और दिशाहीनता के आरोप
विपक्ष के नेता ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से तथ्यों को छुपाने वाला है और जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं के दम पर ही विकास कार्यों का खाका खींचा है, लेकिन अपनी कोई नई पहल नहीं की।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले बजट में की गई कई घोषणाएं आज भी अधूरी पड़ी हैं, जिससे साफ होता है कि सरकार के पास प्रदेश के विकास का कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बजट को पूरी तरह से निराशाजनक और जनविरोधी करार दिया है।
विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन
बजट पर विरोध जताने के लिए भाजपा विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरा गया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब गैंगवॉर जैसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं, जो पहले कभी नहीं होती थीं। उन्होंने मांग की कि प्रदेश सरकार सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि प्रदेश में खालिस्तानी झंडे लहराने जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जो राज्य की शांति व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत हैं। उन्होंने सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
निष्कर्ष
विपक्ष का आरोप है कि यह बजट हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में असफल रहेगा। अब देखना यह होगा कि प्रदेश सरकार इन आरोपों का किस तरह जवाब देती है और क्या वह अपने वादों को धरातल पर उतारने में सफल होती है या नहीं।