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Delhi air pollution बाप रे , दिल्ली में सांस लेना, 25 सिगरेट पीने के बराबर।

Delhi air pollution बाप रे , दिल्ली में सांस लेना, 25 सिगरेट पीने के बराबर।

दिल्ली में वायु प्रदूषण: खतरनाक स्तर पर पहुंची हवा, स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। पीएम 2.5 (सूक्ष्म कण) का स्तर 247 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच चुका है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा से बहुत अधिक है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंचकर अब खतरनाक श्रेणी में है, जिसके परिणामस्वरूप लोगों को लगातार खांसी, आंखों में जलन, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

क्या वायु प्रदूषण कैंसर का कारण बन सकता है?

वायु प्रदूषण और कैंसर के बीच सीधा संबंध स्थापित हो चुका है। शोधों के अनुसार, लंबे समय तक पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कणों के संपर्क में रहने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। एक अमेरिकी एनजीओ, हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर की घटनाओं में 30 से 50% की बढ़ोतरी हुई है।

सिर्फ फेफड़े ही नहीं, सिर और गर्दन का कैंसर भी हो सकता है

हाल ही में हुए एक अध्ययन में वायु प्रदूषण और सिर व गर्दन के कैंसर के बीच भी संबंध पाया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पीएम 2.5 जैसे प्रदूषक सिर और गर्दन के ऊतकों पर भी असर डाल सकते हैं, जिससे इन क्षेत्रों में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

भारत में फेफड़ों के कैंसर के नए कारण

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई के शोध के अनुसार, भारत में फेफड़ों के कैंसर के कई मामले धूम्रपान से संबंधित नहीं होते। इसके बजाय, प्रमुख कारण वायु प्रदूषण और आनुवंशिक संरचना हैं। 2019 में भारत में फेफड़ों के कैंसर के मामलों की दर 7.7 प्रति 1,00,000 रही।

क्या करें वायु प्रदूषण से बचाव के लिए?

विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण के खतरों से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:

  1. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: घर में स्वच्छ हवा बनाए रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
  2. मास्क पहनें: बाहर जाते समय एन95 या एन99 मास्क पहनें, ताकि प्रदूषण से बचाव हो सके।
  3. स्वच्छता का ध्यान रखें: नाक और मुंह की सफाई नियमित रूप से करें।
  4. हाइड्रेटेड रहें: अधिक पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और प्रदूषण का असर कम होता है।

दिल्लीवासियों के लिए खतरे की घंटी

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण दिल्ली के नागरिकों की जीवन प्रत्याशा को 7.8 साल तक कम कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जहरीली हवा केवल आज की समस्या नहीं है, बल्कि आने वाले सालों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

स्वच्छ हवा का अधिकार

वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय तो मौजूद हैं, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करना होगा। स्वच्छ हवा हर नागरिक का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

 

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