Delhi Pollution , प्रदूषण पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने ग्रैप-4 के तहत लागू पाबंदियों को लेकर अहम निर्देश दिए। इस सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में फिजिकल क्लासेस पर लगी पाबंदियों में ढील देने पर विचार करने का निर्देश दिया। ये पाबंदियां पिछले हफ्ते दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता के गंभीर स्तर को देखते हुए लागू की गई थीं।
फिजिकल क्लासेस पर विचार करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने इस मामले में कहा कि छात्रों के शारीरिक कक्षाएं बंद होने के कारण बहुत से बच्चे मिड-डे मील का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कोर्ट ने यह भी गौर किया कि कई घरों में एयर प्यूरीफायर नहीं हैं, और ऐसे घरों में बाहर और अंदर की हवा में कोई फर्क नहीं है। इसके कारण बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण CAQM (Commission for Air Quality Management) को निर्देश दिया कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए फिजिकल क्लासेस जारी रखने पर विचार करें, ताकि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को स्कूल जाने का अवसर मिले।
पेरेंट्स ने दाखिल की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले, छात्रों के माता-पिता ने याचिका दाखिल की थी, जिसमें फिजिकल क्लासेस फिर से शुरू करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि कई निचले आय वर्ग के परिवारों के पास इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं हैं, जिससे वे ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में ऑफलाइन शिक्षा की महत्ता और जरूरत को बताते हुए पेरेंट्स ने कोर्ट से दखल देने की अपील की थी।
ग्रैप-4 और प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए, ग्रैप-4 (Graded Response Action Plan) के तहत कई कठोर उपाय लागू किए गए हैं, जिनमें स्कूलों और अन्य बाहरी गतिविधियों पर पाबंदियां शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि किसी भी प्रकार की छूट देने से पहले, वायु गुणवत्ता के आंकड़ों में सुधार के स्थिर परिणाम दिखाए जाने चाहिए। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक वायु प्रदूषण की स्थिति स्थिर नहीं होती, तब तक ग्रैप-4 की पाबंदियों में ढील नहीं दी जा सकती।
सीएक्यूएम को अगले दिन तक फैसला लेने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से कहा कि वह 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए शारीरिक कक्षाएं फिर से शुरू करने पर विचार करे, क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्कूल जाना जरूरी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि CAQM को बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा, दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण के मद्देनजर बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है। कोर्ट ने प्रदूषण की स्थिति में सुधार और बच्चों की शिक्षा दोनों के महत्व को समझते हुए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। अब, CAQM को 26 नवंबर तक इस संबंध में फैसला लेना होगा।