ग्राम सभाओं में पालतू पशुओं के पंजीकरण पर जागरूकता फैलाने की मांग, हिमाचल में परिषद ने सौंपा ज्ञापन

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ग्राम सभाओं में पालतू पशुओं के पंजीकरण पर जागरूकता फैलाने की मांग, हिमाचल में परिषद ने सौंपा ज्ञापन

शिमला, 8 अप्रैल:
हिमाचल प्रदेश में पशुपालकों को अपने पालतू जानवरों का पंजीकरण ग्राम पंचायत में करवाना अब अनिवार्य हो गया है। इसी संदर्भ में भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद की प्रदेश इकाई ने पंचायती राज विभाग से अनुरोध किया है कि इस नियम की जानकारी ग्राम सभाओं के माध्यम से व्यापक रूप से साझा की जाए।

परिषद की ओर से निदेशक पंचायती राज राघव शर्मा को सौंपे गए ज्ञापन में यह मांग की गई कि गोवंश और अन्य पालतू पशुओं के अनिवार्य पंजीकरण की जानकारी सिर्फ वेबसाइट तक सीमित न रखी जाए, बल्कि इसे गाँव स्तर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाएं।

परिषद के महामंत्री राम ऋषि भारद्वाज ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में राजेंद्र भारद्वाज, अनिल शर्मा (प्रांत सह गौरक्षा प्रमुख), लज्जा चंदेल, रती राम शर्मा, हेमंत शर्मा और अनिल सरस्वती भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि चार महीने पहले जारी अधिसूचना के अनुसार, हर पशुपालक को अपने पालतू पशुओं का विवरण ग्राम पंचायत में पंजीकृत कराना आवश्यक है।

उन्होंने यह भी कहा कि केवल ऑनलाइन सूचना से सभी पशुपालकों तक संदेश नहीं पहुंच सकता। ग्राम सभाएं ही एक ऐसा प्रभावी मंच हैं जहां इस विषय पर खुली चर्चा कर पशुपालकों को उनकी जिम्मेदारी से अवगत कराया जा सकता है।

परिषद का मानना है कि यदि यह जानकारी जमीनी स्तर तक पहुंचेगी, तो गोवंश संरक्षण और पशुओं की निगरानी अधिक सुदृढ़ हो सकेगी। उन्होंने बताया कि निदेशक राघव शर्मा ने उनकी बात को गंभीरता से सुना और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।