बिलासपुर घुमारवीं -15 जुलाई 2023, सावन महीना 4 जुलाई से शुरु हो हुआ है। सावन में कावड़ यात्रा का बहुत महत्व है। भोलेबाबा के भक्त सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। जो जल शिव भक्त शिवलिंग पर चढ़ाते हैं उसको लाने के लिए कावड़ यात्रा पर जाते है।
सावन मास का पहला जल 15 जुलाई, शनिवार के दिन चढ़ाया जाएगा।
जल मासिक शिवरात्रि के दिन चढ़ाया जाता है। कावड़ यात्रा के जरिए भक्त भोलेबाबा को अपनी भक्ति दिखाते हैं। जिसमें पवित्र गंगा नदी से भक्त जल लेकर आते हैं और शिवालय पर चढ़ाते हैं।
इन दिनों कावड़ यात्रा चली हुई है। और लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा जल लेने आस्था के केंद्र बिंदु हरिद्वार पहुंच रहे हैं। पिछले सप्ताह शुरू हुई कावड़ यात्रा का आज अंतिम दिन है। लेकिन
सवाल यह है यदि कावड़ियों की ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था है।
क्योंकि कावड़ की यात्रा एक पवित्र यात्रा मानी जाती है। जिसमें श्रद्धालु कई किलोमीटर तक पैदल चलकर पवित्र गंगाजल लेने पहुंचते हैं। पांवटा साहिब की सीधी सीमा उत्तराखंड से लगती है।
न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि कई राज्यों के श्रद्धालु पांवटा से होकर हरिद्वार पहुंचते हैं। लोगों की माने तो कावड़ियों ने इस पवित्र यात्रा का रूप बदल दिया है। वर्षों पहले तक इस यात्रा का उद्देश्य तीर्थस्थल पर पूरे भाव और आस्था के साथ पहुंचना था। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो अनुशासन के साथ इस यात्रा को पुरा किया जाता था।