टिहरा में कैंटीन खोलने की फिर से उठी मांग।

टिहरा( मण्डी) – टिहरा तथा इसके साथ सटे इलाकों में रह रहे भूतपूर्व सैनिकों की मानें तो उन्हें कैंटीन की सुविधाएं आसानी से नहीं मिल रही हैं। अगर मिलती भी हैं तो इसके लिए उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्यायों का सामना करना पड़ता हैं। वो जब भी सरकाघाट, समीरपुर या धर्मपुर की कैंटिनों में सामान लेने जाते हैं तो वहां पर पहले से बहुत ज्यादा भीड़ होती हैं। उनका कहना है कि जब भी कोई भूतपूर्व सैनिक चोलनगढ़ और चोलथरा इत्यादि क्षेत्र से इन कैंटीन में पहुंचते हैं, तो इनका नंबर ही नहीं आता, और उन्हें खाली हाथ घर वापिस आना पड़ता हैं। और जब कभी कैंटीन में भीड़ नहीं होती या जब इनकी बारी आती तब तक काफ़ी सारे प्रोडक्ट्स पहले से ही बिक चुके होते हैं। टिहरा एक बहुत ही पुराना मतवपूर्ण जगह है तथा यहां हजारों लाभार्थी रहते है पर इनकी ओर किसी का ध्यान ही नहीं हैं। उन्होंने ये भी देखा हैं कि कैंटीन में आए सामान की आम जनता भी खरीददारी करती हैं, हालांकि उन्हें इससे कोई आपत्ती नहीं है पर, प्रार्थमिकता इन भूतपूर्व सैनिकों को देनी चाहिए, जिनके लिए कैंटीन खुली हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि टिहरा बेल्ट का उपयोग केवल वोटबैंक के लिए ही किया जाता आ रहा है और इस इलाके की मूलभूत सुविधाओं की तरफ़ सरकार का कोई ध्यान नहीं हैं। उन्होंने सबंधित ग्राम पंचायत प्रधानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि वो इस क्षेत्र के लोगों की सभी प्रकार की समस्याओं को एक साथ मिलकर सरकार की दें तथा इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के लिए काम करें। उन्होंने विभाग से मांग की हैं कि जब तक टिहरा में स्थाई कैंटीन नहीं। खुल जाती, तब तक महीने में एक बार मोबाइल कैंटीन के माध्यम से इस क्षेत्र में रह रहे भूतपूर्व सैनिकों को कैंटीन से मिलने वाले सामान का वितरण करें और जल्द ही इस क्षेत्र में कैंटीन खोलने की पहल करे। यहीं नहीं वर्तमान में कार्यरत सैनिकों को भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनके अनुसार यदि टिहरा में कैंटीन खुल जाती है तो वो जितना समय दूरदराज में उपलब्ध कैंटीन में आने जाने में बिताते हैं उस समय को अपने समाज और युवाओं को और बेहतर बनाने में लगाना चाहते हैं, जिससे इस क्षेत्र के नौजवान उनकी तरह देश सेवा कर सके। इस बाबत बटन इंडिया हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रमेश पवार ने कहा कि उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता चल रही है और शीघ्र ही समाधान की संभावना है।