बड़सर। राजकीय बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डिडवीं में जिला स्तरीय हमीरपुर का तीन-दिवसीय बाल विज्ञान सम्मेलन शुरू हुआ। जिसमें 90 स्कूलों के 525 बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों प्रशनोतरी, मॉडल, गणित ऑल्मपियाड, क्रिया कलाप, विज्ञानीक सोच पर आधारित नाटक, प्रोजैक्ट रिपोर्ट आदि में भाग ले रहे हैं। बाल विज्ञान सम्मेलन का शुभारम्भ जिला प्रारम्भिक उप शिक्षा निदेशक कुलभूषण राकेश ने किया। इस उपलक्ष में स्थानीय विद्यालय की प्रधानाचार्य शैली विशेष रूप से इस सम्मेलन में उपस्थित रही। जिनकी अध्यक्षता में कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई। संसार चंद उप निदेशक जी.एन.ए. विश्वविद्यालय फगवाड़ा भी सम्मलित रहे। हमीरपुर जिला के प्रारम्भिक उप शिक्षा निदेशक कुलभूषण ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान युग में विज्ञान के महत्व की झलक दिखती है। हमें आगे बढऩे के लिए विज्ञान की नई-नई तकनीकों को अपनाना होगा। जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सुधीर चंदेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाल विज्ञान सम्मेलन बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, उनकी रचनात्मकता को उजागर करने एवं उनकी कल्पना शक्ति को साकार करने का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) डीएसटी भारत सरकार द्वारा उत्प्रेरित एवं प्रायोजित है। विभिन्न विद्यालयों से आये हुए नन्हें विज्ञानिकों की प्रतिभा को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हमारे देश का भविष्य बहुत ही जागरूक एवं होनहार नागरिकों के हाथ में जाने वाला है। विद्यार्थियों की प्रतिभागिता को देखकर यह लगता है कि हमारे देश में नशीले पदार्थों का सेवन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जो कि विज्ञान सम्मेलनों की बजह से कम होता दिख रहा है। विज्ञानिक गतिवीधियों की तरफ ध्यान आकर्षित होने के कारण युवा पीढ़़ी का ध्यान नशीले पदार्थों के सेवन की बजाय विज्ञान तकनीकों की तरफ बढ़ रहा है और हमें पूर्ण विश्वास है कि बहुत जल्द हमारा देश नशा मुक्त देश बनने बाला है। सुधीर ने कहा कि हमें अपने चारों तरफ के वातावरण को स्वच्छ एवं हरा भरा बनाये रखने के लिए हमारे नन्हें वैज्ञानिकों के साथ-2 अन्य सभी वर्गों के नागरीकों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी की आवश्यकता है। सभी बच्चों को वैज्ञानिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए, जिससे वे भविष्य के निर्माता बनें। यह कार्यक्रम तीन दिन तक इस विद्यालय में चलेगा, जिसमें बच्चे अलग-2 गतिविधियों में भाग लेंगे। यहां से चुने हुए बाल वैज्ञानिक राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में भाग लेंगे। सभी प्रतिभागियों को इसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। मंच से अपने सम्बोधन में सभी वक्ताओं ने विज्ञान में अनुसंधान पर बल दिया। स्थानीय विद्यालय की छात्राओं ने विज्ञान समूह गान से विज्ञान की महता को प्रस्तुतीकरण किया। इस अवसर पर निर्णायक मंडल में संजय ठाकुर, रितेश कुमार, अमित कुमार, रघुवीर, प्रदीप कुमार, राजेश कुमार, नरेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, मंजीत सिंह, सुरेश कुमार, नवनीत जसबाल, अरूण कुमार, विज्य राणा, गौरव, यजनीश, सीमा शामा, आरती राठौर, मीना शर्मा, अंजुला कुमारी, मनमोहन सिंह, कुलदीप कुमार, पूर्णीमा, जगवीर चन्देल, अजय नडडा, शिवानी, संजीव कुमार, अरूण अत्री, डा. डी.एस. बनियाल, डा. सुरेश कुमार व बलॉक प्रधान विझड़ी कमल चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे।

बड़सर।  राजकीय बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डिडवीं  में जिला स्तरीय हमीरपुर  का तीन-दिवसीय बाल विज्ञान सम्मेलन शुरू हुआ। जिसमें 90 स्कूलों के 525 बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों प्रशनोतरी, मॉडल, गणित ऑल्मपियाड, क्रिया कलाप, विज्ञानीक सोच पर आधारित नाटक, प्रोजैक्ट रिपोर्ट आदि में भाग ले रहे हैं। बाल विज्ञान सम्मेलन का शुभारम्भ जिला प्रारम्भिक उप शिक्षा निदेशक  कुलभूषण राकेश ने किया। इस उपलक्ष में स्थानीय विद्यालय की प्रधानाचार्य शैली  विशेष रूप से इस सम्मेलन में उपस्थित रही। जिनकी अध्यक्षता में कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई। संसार चंद उप निदेशक जी.एन.ए. विश्वविद्यालय फगवाड़ा भी सम्मलित रहे।
हमीरपुर जिला के प्रारम्भिक उप शिक्षा निदेशक कुलभूषण  ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान युग में विज्ञान के महत्व की झलक दिखती है। हमें आगे बढऩे के लिए विज्ञान की नई-नई तकनीकों को अपनाना होगा।  जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सुधीर चंदेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाल विज्ञान सम्मेलन बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, उनकी रचनात्मकता को उजागर करने एवं उनकी कल्पना  शक्ति  को साकार करने का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) डीएसटी भारत सरकार द्वारा उत्प्रेरित एवं प्रायोजित है। विभिन्न विद्यालयों से आये हुए नन्हें विज्ञानिकों की प्रतिभा को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हमारे देश का भविष्य बहुत ही जागरूक एवं होनहार नागरिकों के हाथ में जाने वाला है। विद्यार्थियों की प्रतिभागिता को देखकर यह लगता है कि हमारे देश में नशीले पदार्थों का सेवन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जो कि विज्ञान सम्मेलनों की बजह से कम होता दिख रहा है। विज्ञानिक गतिवीधियों की तरफ  ध्यान आकर्षित होने के कारण युवा पीढ़़ी का ध्यान नशीले पदार्थों के सेवन की बजाय विज्ञान तकनीकों की तरफ  बढ़  रहा है और हमें पूर्ण विश्वास है कि बहुत जल्द हमारा देश नशा मुक्त देश बनने बाला है।  सुधीर ने कहा कि  हमें अपने चारों तरफ  के वातावरण को स्वच्छ एवं हरा भरा बनाये रखने के लिए हमारे नन्हें वैज्ञानिकों के साथ-2 अन्य सभी वर्गों के नागरीकों की भी महत्वपूर्ण  भागीदारी की आवश्यकता है। सभी बच्चों को वैज्ञानिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए, जिससे  वे  भविष्य के निर्माता बनें। यह कार्यक्रम तीन दिन तक इस विद्यालय में चलेगा, जिसमें बच्चे अलग-2 गतिविधियों में भाग लेंगे। यहां से  चुने हुए बाल वैज्ञानिक  राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में भाग लेंगे। सभी प्रतिभागियों को इसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। मंच से अपने सम्बोधन में सभी वक्ताओं ने विज्ञान में अनुसंधान पर बल दिया। स्थानीय विद्यालय की छात्राओं ने विज्ञान समूह गान से विज्ञान की महता को प्रस्तुतीकरण किया। इस अवसर  पर निर्णायक मंडल में  संजय ठाकुर, रितेश कुमार, अमित कुमार, रघुवीर, प्रदीप कुमार, राजेश कुमार, नरेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, मंजीत सिंह, सुरेश कुमार, नवनीत जसबाल, अरूण कुमार, विज्य राणा, गौरव, यजनीश, सीमा शामा, आरती राठौर, मीना शर्मा, अंजुला कुमारी,  मनमोहन सिंह, कुलदीप कुमार, पूर्णीमा, जगवीर चन्देल, अजय नडडा, शिवानी, संजीव कुमार, अरूण अत्री, डा. डी.एस. बनियाल, डा. सुरेश कुमार व बलॉक प्रधान विझड़ी कमल चौहान  विशेष रूप से उपस्थित रहे।