कहीं आप छूट ना जाएँ – किसानों के लिए सरकारी योजना 2024 की ये है List
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भारत की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है | इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनानें में भी कृषि का अहम् योगदान है | देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करनें के लिए सरकार कृषि कार्यों में आने वाली असुविधाओं को दूर करनें के लिए समय-समय पर योजनायें संचालित करती रहती है, ताकि किसान इन योजनाओं के माध्यम से अपनी समस्याओं का निराकरण कर सके|
सरकार द्वारा किसानों के हित में संचालित योजनाओं में खेत से लेकर घर तक की व्यवस्था तक का उद्देश्य निहित है | आज हम आपको यहाँ आपको किसानों के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारें में जानकारी देने जा रहे है |
किसानों के लिए सरकारी योजनाओं की सूची
Government Scheme for Farmers 2024
List of Government Schemes for Farmers
Sr. No. Name of Government Scheme
1. Kisan Tractor Scheme
2. Kisan Mitra Scheme
3. Krishi Udaan Scheme
4. Pashu Kisan Credit Card Scheme
5. PM Kisan Samman Nidhi Scheme
6. Pradhan Mantri Crop Insurance Scheme
7. Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana
8. Pradhan Mantri Kisan Mandhan Scheme
9. Kisan Credit Card Scheme
10. Pashudhan Bima Yojana
11. Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana
12. Meri Fasal Mera Byora Scheme
13. Kusum Solar Pump Distribution Scheme
14. Agriculture Input Subsidy Scheme
15. Smam Kisan Yojana
16. National Agriculture Market Scheme
17. Soil Health Card Scheme
18. Agricultural Machinery Subsidy Scheme
19. Fodder and Fodder Development Scheme
20. National Agriculture Development Scheme
21. Traditional Agriculture Development Scheme
22. Short Term Crop Loan Scheme
23. Farm Talai Subsidy Scheme
24. Irrigation Pipeline Subsidy Scheme
25. Kisan Vikas Patra
26. Soil Health Card Scheme
27. National Gokul Mission
28. Dairy Entrepreneurship Development Scheme
29. National Horticulture Mission
30. National Mission for Sustainable Agriculture (NMSA)
31. Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana
32. Kisan Suryodaya Yojana
33. Mukhyamantri Kisan Sahay Yojana
34. Mukhyamantri Krishi Ashirwad Yojana
35. Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana
36. Instant Electricity Connection Scheme
37. Mukhyamantri Krishak Accident Welfare Scheme
38. Mukhyamantri Solar Pump Scheme
39. UP Agricultural Equipment Scheme (Subsidy)
40. Seed Village Scheme
41. Organic Farming Scheme
42. National Security Mission Scheme
43. Dairy Entrepreneurship Development Scheme (DEDS)
सरकार द्वारा सरकारी योजनायें शुरू करनें का उद्देश्य
सरकार द्वारा शुरू की जानें वाली योजनायें सामान्यतः भारत में रहनें वाले सभी किसानों के लिए चलाई जाती हैं | सभी किसान भाइयों को आर्थिक स्थिति एक जैसी नहीं होती है, जिसके कारण कुछ किसान अपनें खेतों से अच्छा उत्पादन नहीं ले पाते है, यहाँ तक कि उनके लिए अपनें परिवार का भरण-पोषण करना तक कठिन हो जाता है | इस प्रकार की समस्याओं को देखते हुए सरकार नें योजनाओं का संचालन करना शुरू किया, ताकि किसान भाई इन योजनाओं के माध्यम से अच्छी तरह से खेती कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सके और अपनी आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सके|
भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एक योजना है | इस योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन में की गई थी। इस स्कीम के अंतर्गत किसान को 6,000 रुपए प्रति वर्ष तीन किस्तों में प्राप्त होते है और यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में आती है | प्रत्येक चार माह के पश्चात कृषक को 2,000 रूपए की सहायता राशि प्राप्त होती है | आपको बता दें, कि इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 8 किश्तें जारी की जा चुकी है और अब किसानों 9वीं किश्त जल्द ही मिलनें की संभावना है | इस स्कीम के माध्यम से किसानों को आर्थिक स्थिति सुधारनें में काफी सहायता मिलती है| आपको बता दें, कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी योजना है |
यह महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 18 फरवरी, 2016 को शुरु की गयी थी | अक्सर किसानों को तैयार फसल आंधी, ओलावृष्टी और तेज बारिश जैसी प्रॉकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो जाती है | ऐसे में किसानों के सामनें अपना जीवन निर्वाह करनें की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण किसान आत्महत्या भी कर लेते है|
इस प्रकार की समस्याओं को देखते हुए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गयी है | इस योजना के अंतर्गत बुआई के पहले से और फसल की कटाई के बाद तक के लिए बीमा सुरक्षा मिलती है | फसल बीमा योजना के तहत रबी, खरीफ की फसल के साथ-साथ कारोबारी और बागबानी फसलों को भी शामिल किया गया है | आपको बता दें, कि किसान को खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम भुगतान करना होता है |
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 1998 में की गयी थी | किसानों को इस कार्ड की सहायता से पर्याप्त ऋण (लोन) बहुत ही आसानी से मिल जाता है | जिससे किसान कृषि से सम्बंधित खाद – बीज, कीटनाशक आदि सामग्री खरीद सकते है | सबसे खास बात यह है, कि इस कार्ड से 5 वर्षों में 3 लाख तक का लोन ले सकते है |
यदि किसान इस कार्ड पर लिए गये लोन को 1 वर्ष के अन्दर ही वापस कर देते है, तो उन्हें ब्याज दर में 3 प्रतिशत की छूट मिलती है | इसके आलावा यदि किसानों को अचानक धन की आवश्यकता होनें पर भी वह इस योजना के माध्यम से धन की प्राप्ति तत्काल रूप से कर सकते है |
केंद्र की मोदी सरकार नें नौकरी-पेशा करनें वाले लोगो की तरह किसानों के लिए पेंशन योजना की सौगात दी है। इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को 60 वर्ष की आयु पूरी करनें के पश्चात न्यूनतम 3000 रुपए पेंशन दी जाती है |
योजना का लाभ प्राप्त करनें के लिए किसानों को 55 रुपए से लेकर 200 रुपये तक प्रतिमाह 60 वर्ष की आयु तक जमा करना होता है | जैसे ही किसान अपनी 60 वर्ष की आयु पूरी करता है, उन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है | इस योजना की सबसे खास बात यह है, कि इस स्कीम में जितना योगदान किसान का होता है, उतना ही योगदान सरकार करती है | यदि किसी करणवश किसान की मृत्यु हो जाती है, तो किसान की पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में 50 प्रतिशत पेंशन प्राप्त होती है।
आधुनिकता के इस दौर में देश में ऐसे बहुत से किसान है, जो कृषि कार्यों में आज भी पुरानें यंत्रो का उपयोग करते है | धन के अभाव में वह नए यन्त्र खरीदनें में असमर्थ होते है | किसानों की इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा स्माम किसान योजना की शुरुआत की गयी है | इस स्कीम के माध्यम से किसान खेती करने वाले उपकरणों को आसानी से खरीद सकते हैं |
सबसे खास बात यह है, कि उपकरणों की खरीद पर उन्हें छूट भी प्रदान की जाती है | सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करनें का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती करने में किसी प्रकार की समस्या न हो और वह बेहतर फसल का उत्पादन कर अपनें जीवन स्तर को सुधर सके |
भारत के ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की समस्या अभी भी गंभीर बनी हुई है | जब किसानों के खेत को पानी की आवश्यकता होती है, तो उन्हें समय से बिजली नहीं मिल पाती है | पानी के अभाव में उनकी फसलें प्रभावित हो जाती है|
किसान भाइयों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करानें के उद्देश्य से सरकार की तरफ से पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Scheme) चलाई जा रही है| इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल सब्सिडी पर मिलते हैं, जिससे वह बिजली का उत्पादन कर अपनी आवश्यकता के अनुसार उसका प्रयोग करनें के बाद बाकी को बेच कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते है |
इस योजना की शुरुआत मुख्य रूप दो उद्देश्यों से की गयी है | किसानों या पशुपालकों को पशुओं की अचानक मृत्यु हो जानें पर उन्हें आर्थिक क्षति काफी होती है| इस प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा पशुधन बीमा योजना चलायी जा रही है| योजना के अंतर्गत दुधारू मवेशियों और भैंसों का बीमा उनके अधिकतम वर्तमान बाजार मूल्य पर किया जाता है|
बीमा का प्रीमियम 50 प्रतिशत तक अनुदानित होता है। अनुदान की पूरी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है। अनुदान का लाभ अधिकतम 2 पशु प्रति लाभार्थी को अधिकतम तीन वर्ष की एक पॉलिसी के लिए मिलता है। इसके साथ ही इस स्कीम के अंतर्गत यदि कोई किसान अपनें पशुओं की बिक्री कर देता है, और बीमा पॉलिसी की अवधि समाप्त न हुई हो तो बीमा पॉलिसी की शेष अवधि का लाभ नये स्वामी को हस्तांतरित किया जाएगा।
किसानों के द्वारा अपनें खेतों में उत्पादन बढ़ाने को लेकर असंतुलित उर्वरक का उपयोग कर रहे है | जिसके कारण मिट्टी उत्पादकता निरंतर कम होती जा रही है, इसके साथ ही फसलों में विभिन्न प्रकार के नए-नए रोग लग रहे है | खेत की उत्पादकता बढ़ने की जगह निरंतर कम होती चली जा रही है |
जबकि दूसरी तरफ अधिक उर्वरक तथा रोग के लिए कीटनाशक उपयोग करने से कृषि खर्च भी बढ़ रहा है | इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना संचालित की जा रही है | जिसमें किसानों की मिट्टी की जाँच वह भी निशुल्क की जाती है | खेत की मिट्टी की जाँच के दौरान यह ज्ञात हो जाता है, कि किसान के खेत में किस चीज की कमी है |
हमारे देश की जनसँख्या लगातार बढ़ती जा रही है| ऐसे में सभी को भोजन सुनिक्षित कराने के लिए केंद्र सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना की शुरुआत की है | इस योजना का मुख्य उद्देश्य गेहूँ, चावल व दलहन की उत्पादकता में वृद्धि करना है, ताकि देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को सुनिश्चित किया जा सके |
आपको बता दें, कि इस योजना के अंतर्गत चावल राष्ट्रीय खाध सुरक्षा मिशन, गेंहू राष्ट्रीय खाध सुरक्षा मिशन तथा दलहन राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन को शामिल किया गया है | इस योजना के अंतर्गत चावल के लिए 14 राज्य, गेंहू के लिए 9 राज्य तथा दलहन के लिए 16 राज्यों को शामिल किया गया है |
खेत में फसलों को बोनें के बाद फसलों की सेहत से सम्बंधित जानकारी होना भी एक अहम बिंदु है | जिस प्रकार मनुष्य के कुछ भी खाने-पीनें पर उसका सीधा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है | ठीक उसी प्रकार फसलों को दिए गये खाद, पानी आदि का फसल पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसकी जानकारी के लिए सरकार द्वारा स्वायल हेल्थ कार्ड योजना की शुरुआत की गयी है |
फसलों को कब और कितनी मात्रा में क्या चीज देनी है, इसकी सटीक जानकारी होनें पर स्वाभाविक रूप से उत्पादन क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त होगी | आपको बता दें, कि वर्ष 2015 से 2017 के बीच 10.73 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड बनाए गए जबकि यह आंकड़ा 2017 से 2019 के बीच 10.69 रहा है |
वर्तमान समय में उत्पादकता बढानें के लिए किसानों द्वारा रासायनिक खाद का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है | जिससे उत्पन्न अनाज, सब्जियों को खाकर लोग बीमार पड़ जाते हैं | इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा जैविक खेती योजना को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है|
जैविक खेती के अंतर्गत परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई, जिसके तहत किसानों को बताया गया कि प्राकृतिक रूप से किस प्रकार कृषि की जाए और उस वक्त अनाज साग सब्जी का उत्पादन किया जाए| यहाँ तक कि जैविक खेती करनें वाले किसानों को सरकार की तरफ से पुरस्कृत भी किया जाता है| कृषि मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस समय देशभर में 27.10 लाख हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती की जा रही है |