भाजपा की हालत खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे जैसी:: डाक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ।

हमीरपुर सदर से रहे कांग्रेस प्रत्याशी डा पुष्पेंद्र वर्मा ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि आज भाजपा पूरे प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा जिन संस्थानों को विमुक्त किया गया है उसके विरोध में भाजपा का प्रदर्शन कहावत “खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे” पर बिल्कुल चरितार्थ होता है।भाजपा नेताओं को याद दिलाना चाहता हूं कि जब श्री जय राम जी की सरकार बनी थी तो उन्होंने तो बिना सोच-विचार के ही इलेक्शन से 6 महीने पहले हुए सभी निर्णयों को निरस्त कर दिया था। जबकि हमारे माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हम सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं और जिन भी संस्थानों को विमुक्त किया गया है उन संस्थानों के लिए भाजपा ने चुनावों से ठीक पहले प्रदेश की भोली भाली जनता को गुमराह करने के लिए आनन-फानन में बिना बजट के घोषणाएं की। माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां-जहां बजट की प्रावधान नहीं किया गया है उन संस्थानों को विमुक्त किया जाएगा, साथ में उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया है कि जहां-जहां जिन सरकारी संस्थानों की अति आवश्यकता होगी उन्हें वैसे ही रखा जाएगा। जब 2017 में भाजपा की सरकार बनी थी तो कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा की सरकार को 6 महीने का समय दिया था लेकिन भाजपा के नेता सत्ता के खो जाने का गम सह नहीं पा रहे और आनन-फानन में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर हर छूट भैया नेता झूठा विरोध करके प्रदेश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश की जनता भाजपा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को भूली नहीं है और भाजपा नेताओं के यह मगरमच्छ वाले आंसू किसी काम के नहीं हैं । डॉ वर्मा ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जी प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भलीभांति जानते हैं और वह हर फैसला प्रदेश की जनता की भलाई में बहुत ही सोच समझ कर ले रहे हैं। और वो स्पष्ट कर चुके हैं कि कांग्रेस सरकार प्रदेश की जनता के प्रति जवाबदेह और कांग्रेस द्वारा चुनावों के दौरान दी गई 10 गारंटियों को वह पूरा करके रहेंगे और जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की भी रूपरेखा तैयार कर उसे लागू किया जाएगा।

डॉ वर्मा ने कहा कि भाजपा अपनी चिंता करे क्योंकि प्रदेश की जनता की चिंता कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है।