हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में निजी यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की निजी यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपी अशोनी कंवर की 5.80 करोड़ रुपये की सात संपत्तियां अटैच की हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA), 2002 के तहत की गई है। हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में स्थित ये संपत्तियां ‘अपराध से कमाई गई संपत्ति’ मानी गई हैं। अब तक इस मामले में 200 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं।
घोटाले की जांच और ED की कार्रवाई
ईडी ने धर्मपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर इस घोटाले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि राज कुमार राणा, उनकी पत्नी अशोनी कंवर और बेटे मनदीप राणा मिलकर एजेंटों और छात्रों से पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां बेचते थे। इन डिग्रियों को मानव भारती यूनिवर्सिटी के नाम से बेचा जाता था। इस घोटाले से 387 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इस अवैध धन से राणा परिवार ने अपने और अपने परिवार के अन्य सदस्य के नाम पर कई राज्यों में चल और अचल संपत्तियां खरीदीं।
अशोनी कंवर और मनदीप राणा की फरारी
ईडी ने शिमला की विशेष अदालत (PMLA) में 14 लोगों और दो संस्थाओं के खिलाफ PMLA, 2002 के तहत मुकदमा दायर किया है। इनमें राणा परिवार भी शामिल है। अदालत ने 4 जनवरी, 2023 को इस मामले में संज्ञान लिया। FIR दर्ज होने के बाद, आरोपी अशोनी कंवर और मनदीप राणा देश छोड़कर भाग गए।
कैसे चलता था यह घोटाला?
राज कुमार राणा और उनका परिवार मिलकर मानव भारती यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जी डिग्रियां बेचते थे। एजेंट्स छात्रों को फर्जी डिग्री दिलाने का लालच देते थे और उनसे पैसे लेते थे। ये पैसे राणा परिवार के पास जाते थे, जिन्होंने इनसे अनेक संपत्तियां खरीदीं। इस पूरी प्रक्रिया में अवैध कमाई हुई, जिससे राणा परिवार ने अपना व्यापार बढ़ाया और संपत्तियां जमा कीं।
यह घोटाला न केवल शिक्षा क्षेत्र को बदनाम करता है, बल्कि युवाओं की मेहनत और भविष्य को भी प्रभावित करता है। ईडी की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि मनी लॉन्ड्रिंग और ऐसे अवैध कार्यों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। मामले की जांच अभी जारी है और भविष्य में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।