शिक्षा मंत्री श्री रोहित ठाकुर ने किया “बच्चों की सरकार कैसी हो?” अभियान का स्वागत ..

कहा – “विधानसभा बाल सत्र में ज्यादा से ज्यादा बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित हो .शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री रोहित ठाकुर ने 12 जून को होने वाले विधानसभा बाल सत्र के लिए एक सन्देश दिया है| रोहित ठाकुर ने मुख्यमंत्री निवास पर मौजूद बच्चों से इस संबंध में विस्तार से बात की और कहा कि शिक्षा विभाग की साझेदारी में यह आयोजन सफलता के साथ संपन्न होगा| वहीँ अपने निवास पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए बच्चों से बढ़ चढ़ कर इस अभियान में भाग लेने की अपील की । श्री रोहित ठाकुर ने स्थानीय चुनावों के बाद बच्चों के साथ संवाद सत्र स्थापित करने का वादा भी किया|

उन्होंने कहा यह कार्यक्रम बच्चों की सार्वजनिक जीवन के प्रति समझ को बढ़ाएगा वहीँ बच्चे राजनीति में अपनी भागीदारी तय करेंगे| इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने इस सत्र में शामिल होने वाले सभी बच्चों को अग्रिम शुभकामनाएं भी दी|

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि – 12 जून को हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन होगा। इस सत्र के आयोजन का अवसर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने देश व प्रदेश के बच्चों को दिया है। इस अभियान का आग़ाज़ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला स्थित अपने निवास पर बच्चों के साथ पोस्टर जारी कर किया है । 68 बच्चे बाल विधायक के रूप में इस बाल विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे और बाल हितों से जुड़े मुद्दें विधानसभा भवन में देश के समक्ष रखेंगे। इस सत्र में भाग लेने वाले बच्चे मुख्यमंत्री, अध्यक्ष विधानसभा , उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और पक्ष – विपक्ष के विधायकों की भूमिका निभायेंगे। 8 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चे इस बाल विधानसभा सत्र में हिस्सा ले सकते हैं।
इस अभियान में भाग लेने के लिये रजिस्ट्रेशन फ़्री है। बच्चों से किसी तरह की कोई फ़ीस नहीं ली जायेगी। रजिस्ट्रेशन के लिये इच्छुक सभी बच्चों को www.digitalbaalmela.com पर अपना रजिस्ट्रेशन फार्म पंजिकृत करना होगा। कोई समस्या आने पर इस नंबर – +91-8005915026 पर संपर्क किया जा सकता है। सरकारी, ग़ैर-सरकारी तथा स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे भी इस बाल सत्र में भाग ले सकते हैं। 15 मई रजिस्ट्रेशन की आख़िरी तारीख़ है।बच्चों का चयन एक जूरी द्वारा किया जायेगा जिसमें विधायक, पूर्व विधायक, वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद, प्रशासनिक अधिकारी के सदस्य शामिल होंगे। पारदर्शिता हेतु जूरी के पैनल के सदस्यों का नाम गुप्त रहेगा ।