किसानों की बढ़ी परेशानी, सम्मान निधि पर मंडराया संकट, पढ़ें पूरी जानकारी
जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य की गई है। लेकिन साइट और सर्वर की समस्याओं के चलते अब तक केवल 22.74% किसानों का ही पंजीकरण हो सका है। 31 जनवरी की डेडलाइन नजदीक है, और इस देरी ने किसानों को चिंतित कर दिया है।
किसानों की समस्याएं और रुकावटें
सीएससी सेंटरों पर भीड़:
जिले में 5,43,332 किसानों को फार्मर रजिस्ट्री करानी है।
साइट और सर्वर की धीमी गति के कारण किसान रातों में भी सीएससी सेंटर पर लाइन में लगने को मजबूर हैं।
अधूरी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक न होने जैसी समस्याओं के कारण किसान बार-बार सेंटरों पर चक्कर लगा रहे हैं।
डीह ब्लॉक में दिनभर में 60-70 रजिस्ट्रेशन ही हो पा रहे हैं।
सर्वर की बाधा:
महराजगंज ब्लॉक में सिर्फ 22% किसानों की रजिस्ट्री हो पाई है।
सतांव ब्लॉक में 65,000 किसानों में से अधिकांश को रात-रातभर इंतजार करना पड़ रहा है।
रजिस्ट्री धीमी गति से हो रही:
सर्वर बार-बार बंद हो जाने से पूरे दिन में 10-15 रजिस्ट्रेशन भी मुश्किल हो रहे हैं।
डलमऊ तहसील में स्थिति और भी खराब है।
किसानों के लिए बढ़ा संकट
फार्मर रजिस्ट्री न होने की स्थिति में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ रोकने का खतरा है।
यह योजना किसानों के लिए आर्थिक सहायता का बड़ा स्रोत है, और पंजीकरण में देरी उनकी आजीविका पर असर डाल सकती है।
समस्या का समाधान क्या हो सकता है?
साइट और सर्वर क्षमता में सुधार:
सरकार को तत्काल सर्वर की क्षमता बढ़ाने और साइट की गति सुधारने की जरूरत है।
ऑफलाइन विकल्प:
इंटरनेट और सर्वर की समस्या के समाधान के लिए ऑफलाइन फार्मर रजिस्ट्री की व्यवस्था लागू की जा सकती है।
सीएससी सेंटर की संख्या बढ़ाई जाए:
अधिक किसानों को सेवा देने के लिए जनसेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाने और वहां अधिक कर्मियों को तैनात करने की आवश्यकता है।
रजिस्ट्री की तारीख बढ़ाई जाए:
रजिस्ट्री की समय सीमा बढ़ाकर किसानों को राहत दी जा सकती है।