हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संकट: कर्मचारियों को वेतन और पैंशन के लिए करना होगा इंतजार

हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संकट: कर्मचारियों को वेतन और पैंशन के लिए करना होगा इंतजार

हिमाचल प्रदेश सरकार गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है, जिसके कारण कर्मचारियों को वेतन और पैंशन का भुगतान करना मुश्किल हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने वेतन-भत्तों को 2 माह के लिए विलंबित करने का निर्णय लिया है।
हिमाचल प्रदेश पर करीब 86,589 करोड़ रुपए का कर्ज है, जो वित्तीय संकट का मुख्य कारण है। सरकार केंद्र से वित्तीय मदद न मिलने और पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय प्रबंधन को दोषी ठहरा रही है।
कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 तारीख और पैंशनरों को पैंशन के लिए 10 तारीख तक का इंतजार करना पड़ सकता है। वित्तीय संकट के कारणों में राजस्व घाटा अनुदान में कमी, पीडीएनए की राशि केंद्र सरकार से न मिलना, एनपीएस अंशदान की राशि पीएफआरडीए से न मिलना, जीएसटी मुआवजा न मिलना और ओपीएस बहाल करने के कारण ऋण में कमी शामिल हैं।
सरकार को वेतन और पैंशन देने के लिए अलग से दिन निर्धारित करने पड़ सकते हैं। ट्रेजरी की तरफ से कर्मचारियों के वेतन व पैंशनरों की पैंशन के बिल क्लीयर हो चुके हैं।