Free Ration , अब न मुफ्त राशन, न फ्री बिजली, जल्द बंद होंगी सभी योजनाएं, कोर्ट ने दिए निर्देश।
अगर आप मुफ्त राशन, बिजली, पानी या अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि सरकार की ओर से दी जा रही सभी मुफ्त योजनाओं को तुरंत बंद किया जाए। यह याचिका विशेष रूप से चुनावी मुफ्त योजनाओं को लेकर दायर की गई है, जिसे कुछ लोग ‘रिश्वत’ के रूप में देख रहे हैं।
मुफ्त योजनाओं को क्यों बंद किया जा सकता है?
भारत में चुनाव के दौरान राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए विभिन्न मुफ्त योजनाओं का ऐलान करते हैं, जैसे मुफ्त राशन, बिजली, बस सेवा, और अन्य सुविधाएं। इन योजनाओं का उद्देश्य मतदाताओं को आकर्षित करना और चुनाव में जीत हासिल करना होता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में इन मुफ्त योजनाओं को ‘रिश्वत’ बताया गया है, जो चुनावों के दौरान मतदाताओं को अपनी ओर मोड़ने के लिए दी जाती हैं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इन योजनाओं से लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर पड़ता है और यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार की मुफ्त योजनाओं को बंद किया जाना चाहिए, ताकि चुनावों में निष्पक्षता बनी रहे और वोट खरीदने की परंपरा समाप्त हो सके। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में कोई भी राजनीतिक दल चुनावी लाभ के लिए ऐसी योजनाओं का ऐलान न कर सके।
मुफ्त योजनाओं के तहत लाभ
भारत में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लोगों को मुफ्त सुविधाएं दी जा रही हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- मुफ्त राशन योजना – केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन प्रदान करती है। यह योजना चुनावों के समय विशेष रूप से चर्चा में रहती है।
- मुफ्त बिजली और पानी – कई राज्यों में सरकारें नागरिकों को मुफ्त बिजली और पानी की आपूर्ति कर रही हैं, जो चुनावों के दौरान एक आकर्षक वादा बन जाती है।
- मुफ्त बस सेवा और रेल यात्रा – कुछ राज्यों में मुफ्त बस सेवा और रेल यात्रा की योजनाएं लागू की गई हैं, जिनका लाभ खासतौर पर महिलाओं और गरीबों को मिलता है।
- किसानों के लिए सब्सिडी – सरकार किसानों को विभिन्न सब्सिडी प्रदान करती है, जिनमें खाद्यान्न, उर्वरक, और सिंचाई की सब्सिडी शामिल हैं।
- महिलाओं के खाते में रकम जमा करने की योजनाएं – जैसे लाडली बहना योजना और लक्ष्मी भंडार योजना, जिनमें महिलाओं के खाते में सीधे पैसे जमा करने का वादा किया जाता है।
इसके अलावा, युवाओं के लिए मुफ्त टैबलेट, लैपटॉप, स्मार्टफोन और अन्य उपकरणों की योजनाएं भी चल रही हैं, जो चुनावों के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की जल्द सुनवाई शुरू हो सकती है। अगर अदालत इस याचिका पर सुनवाई करके इसे स्वीकार कर लेती है, तो सरकार को इन मुफ्त योजनाओं को बंद करने के आदेश दिए जा सकते हैं। ऐसे में, जनता को इन योजनाओं से हाथ धोना पड़ सकता है, और भविष्य में चुनावी रणनीति के तौर पर मुफ्त सुविधाओं का ऐलान करने पर पाबंदी लग सकती है।