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Free Ration Update – सिर्फ गेहूं, चना और चावल ही नहीं, अब ये चीजें भी मिलेंगी मुफ्त

Free Ration Update – सिर्फ गेहूं, चना और चावल ही नहीं, अब ये चीजें भी मिलेंगी मुफ्त

प्रधानमंत्री गरीब अन्नमूलन योजना (PMGKY) के तहत लाभार्थियों के लिए एक नई खुशखबरी आई है। अब लाभार्थियों को सिर्फ गेहूं, चना, चीनी और चावल जैसे खाद्य पदार्थ ही मुफ्त नहीं मिलेंगे, बल्कि सरकार ने दस और जरूरी खाद्य वस्तुओं को भी योजना में शामिल कर दिया है। इसका मतलब है कि अब सरसों का तेल, दालें, मसाले और अन्य रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं भी मुफ्त मिलेंगी। इसके बाद अब लोगों को बाजार से इन चीजों को खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

10 नए खाद्य पदार्थों का शामिल होना:

सरकार ने जिन दस चीजों को योजना में शामिल किया है, उनमें प्रमुख रूप से गेहूं, दालें, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन, मसाले आदि शामिल हैं। यह कदम सरकार ने गरीबों की सेहत को बेहतर बनाने और उनके भोजन में पोषण का स्तर बढ़ाने के लिए उठाया है। इससे लाभार्थियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा और उन्हें आवश्यक वस्तुएं सस्ते दर पर मिल पाएंगी।

राशन पोर्टेबिलिटी योजना:

इसके अलावा, सरकार ने राशन पोर्टेबिलिटी योजना को भी मजबूत किया है, जिसका मतलब यह है कि अगर आप देश में कहीं भी रहते हैं, तो एक ही राशन कार्ड पर योजना का लाभ उठा सकेंगे। इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो काम या अन्य कारणों से एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होते रहते हैं।

80 करोड़ लाभार्थी:

यह योजना कोविड-19 के दौरान शुरू की गई थी, जब देशभर में लॉकडाउन के कारण गरीबों को रोजी-रोटी की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। आज, इस योजना का लाभ 80 करोड़ से ज्यादा लोग ले रहे हैं। हालाँकि, कुछ लोग जो इस योजना के हकदार नहीं थे, वे भी इसका लाभ उठा रहे थे। इस कारण, सरकार ने योजना को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया है।

नई सुविधाओं का विस्तार:

इसके अतिरिक्त, सरकार अब राशन दुकानों को जन सुविधा केंद्रों के रूप में विकसित करने पर विचार कर रही है। यानी, अब राशन की दुकानों पर न केवल खाद्यान्न मिलेगा, बल्कि वहां आधार कार्ड में सुधार, निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इन कामों के लिए शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस सेवा का प्रारंभ उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में किया जाएगा, और बाद में इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।

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