हिमाचल प्रदेश में खाद्य एवं आपूर्ति निगम का ईश्वर ही मालिक है क्योंकि लगातार घोटालों के बावजूद भी न तो सरकार इसमें संज्ञान ले रही है और न ही अधिकारियों को इसका कोई डर है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवम पूर्व सीसीपीएस राजेश धर्माणी ने कही उन्होंने कहा कि इस समय निगम के जो डिपो हैं उनमें जो भी सामान खरीदा जा रहा है उसे एमओयू के माध्यम से अपने चहेतों को ऑर्डर किया जा रहा है। यानी कि जिस कंपनी को या सप्लायर को यह काम देना है उस से सीधा एमओयू किया जा रहा है जबकि यह प्रक्रिया सही नहीं है । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की खरीद करने के लिए टेंडर कॉल किए जाते हैं और इसमें टेंडर कॉल नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से अगर कार्य करना हो तो फिर बड़े पावर प्रोजेक्ट, नेशनल हाईवे तथा अन्य करोड़ों रुपए के जो विकास कार्य होते हैं उनमें टेंडर क्यों करवाए जा रहे हैं उन्हें भी एमओयू साइन कर के करवा लेना चाहिए । राजेश धर्माणी ने कहा कि वास्तव में यह सब खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे इस तरह के निर्णय निगम की बी ओ डी में लिए जाते हैं लेकिन यहां पर तो सब कुछ उलट हो रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में एक शैडो बीओडी भी काम कर रही है । जो कि घुमारवीं में चल रही है और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के चहेते लोग उसमें शामिल है । उन लोगों द्वारा खाद्य एवं आपूर्ति निगम का कोई भी निर्णय पहले घुमारवीं में किया जाता है उसके बाद उसे बी ओ डी में पारित करवाया जाता है । उन्होंने सरकार से इस मामले में संज्ञान देने को कहा है उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में और भी कई खुलासे इस बारे में किए जाएंगे।