सोने की चमक फिर लौटी: ग्लोबल अनिश्चितता के बीच निवेशकों का भरोसा बरकरार

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सोने की चमक फिर लौटी: ग्लोबल अनिश्चितता के बीच निवेशकों का भरोसा बरकरार

नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2025:
एक दिन की गिरावट के बाद सोने की कीमतों में फिर से मजबूती देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमत 0.5% की बढ़त के साथ 2,996.6 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई, जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 1.3% चढ़कर 3,010.70 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है। भारत में भी सोने में ज़बरदस्त तेजी रही और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर यह 1,103 रुपये की बढ़त के साथ 88,045 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया।

7 अप्रैल की गिरावट: मुनाफावसूली और ट्रेड वॉर का असर

पिछले दिन यानी 7 अप्रैल को सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता ट्रेड टेंशन रहा। अमेरिकी टैरिफ नीति के जवाब में चीन ने भी टैरिफ लागू किया, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई। इसका असर सिर्फ गोल्ड ही नहीं, बल्कि क्रूड ऑयल और स्टॉक मार्केट पर भी पड़ा।

एनालिस्ट्स का मानना है कि बीते तीन महीनों में सोने में रिकॉर्ड तेजी के बाद प्रॉफिट बुकिंग होना स्वाभाविक था। 7 अप्रैल को निवेशकों ने उसी का लाभ उठाया और मुनाफावसूली की, जिससे कीमतों में गिरावट आई।

क्या फिर चढ़ेगा सोना? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की मौजूदा तेजी अस्थायी नहीं है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशक अब सेफ हैवन यानी सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं और गोल्ड हमेशा से ऐसे समय में पहली पसंद रहा है। इसके अलावा, हाल की गिरावट के बाद सोने की कीमतें और भी आकर्षक हो गई हैं।

3 अप्रैल को गोल्ड की कीमत 3,167.57 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई थी, लेकिन करेक्शन के बाद अब निवेशकों को यह कीमत निवेश के लिए बेहतर नजर आ रही है।

फेड की नीतियों का असर भी पड़ेगा

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इस साल के अंत तक ब्याज दरों में 93 बेसिस प्वाइंट्स तक कटौती करने की संभावना जताई जा रही है। यह फैसला भी गोल्ड के लिए पॉजिटिव माना जा रहा है, क्योंकि ब्याज दरों में गिरावट से गोल्ड की डिमांड बढ़ती है।

निवेश के लिए सुनहरा मौका?

विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता और ब्याज दरों में संभावित कटौती के बीच निवेशकों को गोल्ड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए। पोर्टफोलियो में 10-15% तक गोल्ड रखना एक समझदारी भरा कदम माना जा रहा है।