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ट्रैक्टर व कृषि यंत्र खरीदने पर सरकार दे रही है सब्सिडी, जल्दी करें आवेदन

ट्रैक्टर व कृषि यंत्र खरीदने पर सरकार दे रही है सब्सिडी, जल्दी करें आवेदन

देश में किसानों के लिए कृषि कार्यों को आसान और सस्ता बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है। इसके तहत किसानों को ट्रैक्टर, कृषि यंत्र, और अन्य उपकरण खरीदने के लिए लोन मिलेगा और इस पर ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। यह योजना खास तौर पर उन किसानों के लिए है जो कृषि कार्यों के लिए बैंकों से ऋण लेना चाहते हैं, लेकिन अधिक ब्याज दरों के कारण उन्हें परेशानी होती है।

सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती के लिए आवश्यक मशीनरी और उपकरण सस्ते में उपलब्ध कराना है। आमतौर पर, किसानों को ट्रैक्टर और कृषि यंत्र खरीदने के लिए उच्च ब्याज दरों पर ऋण मिलता था, जिससे उनका आर्थिक बोझ बढ़ जाता था। अब, इस नई योजना के तहत, किसानों को ब्याज पर सब्सिडी दी जाएगी, ताकि वे सस्ते में उधारी लेकर आवश्यक उपकरण खरीद सकें और अपनी कृषि कार्यक्षमता को बढ़ा सकें।

राज्य सरकार ने दीर्घकालीन सहकारी कृषि एवं अकृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान योजना लागू की है। इस योजना के तहत, किसानों को अपने कृषि कार्यों के लिए 7% ब्याज सब्सिडी मिलेगी, जिससे वे केवल 4% ब्याज पर ऋण चुकता कर सकेंगे। यह योजना उन किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिन्होंने समय पर अपना ऋण चुकाया है।

किसान अगर इस ऋण का समय पर भुगतान करते हैं, तो उन्हें ब्याज में छूट मिलेगी। साथ ही, इस योजना के तहत किसानों को अन्य कृषि यंत्रों जैसे थ्रेसर, कंबाइन हार्वेस्टर, पॉवर टिलर, और सिंचाई यंत्रों पर भी लोन मिलेगा। राज्य सरकार ने इस साल 39.75 करोड़ रुपये का प्रावधान ब्याज अनुदान के लिए किया है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिले।

जो किसान पहले कृषि ऋण ले चुके हैं और उन्होंने समय पर अपनी किश्तें चुकाई हैं, उन्हें भी ब्याज सब्सिडी मिलेगी। ऐसे किसानों को 5% ब्याज अनुदान मिलेगा। इससे पहले, इन किसानों को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब इस योजना ने उनकी स्थिति को बेहतर किया है।

इस योजना के तहत, पहली बार अकृषि कार्यों के लिए भी ऋण लेने वाले किसानों को ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा। यह उन किसानों के लिए है जिन्होंने कृषि के अलावा अन्य कामों के लिए भी सहकारी बैंकों से ऋण लिया है। अब वे भी 5% ब्याज अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें अकृषि कार्यों के लिए कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम होगा।

ट्रैक्टर, कृषि यंत्र और अन्य उपकरण खरीदना
नलकूप, पंपसेट, फव्वारा या ड्रिप सिंचाई के लिए ऋण
खेतों में गोदाम या ग्रीन हाउस का निर्माण
पशुपालन, मत्स्य पालन और अन्य कृषि से जुड़ी गतिविधियाँ
छोटे उद्योग, स्वरोजगार और शैक्षिक संस्थान जैसे अकृषि कार्यों के लिए भी ऋण इन सभी कार्यों के लिए किसानों को ब्याज सब्सिडी मिलेगी, जो उनकी आय बढ़ाने और कृषि कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।

इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिलने के साथ ही, वे आधुनिक कृषि उपकरण खरीदने में सक्षम होंगे, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। उदाहरण के लिए, अगर कोई किसान 10 लाख रुपये का कृषि ऋण लेता है और समय पर अपनी किश्तें चुकाता है, तो उसे 7% ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इससे उसे कुल 68,231 रुपये का ब्याज अनुदान मिलेगा, और वह केवल 4% की दर से 38,989 रुपये ही ब्याज के रूप में चुकाएगा, बजाय इसके कि उसे पूरे 107,220 रुपये चुकाने पड़ते।

इसी तरह, अगर कोई किसान 50 लाख रुपये का ऋण लेता है, तो उसे 5% ब्याज अनुदान मिलेगा, जिससे उसे करीब 2.5 लाख रुपये की बचत होगी। यह योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है, क्योंकि वे अब कम ब्याज दर पर अपना ऋण चुकाकर अधिक निवेश कर सकते हैं।

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