भारतीय सेना दिवस के अवसर पर आज शिमला के अनाडेल में ‘आर्मी मेले’ का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने की। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने कहा कि यह एक महत्त्वपूर्ण अवसर है जब हम भारतीय सेना के वीर सैनिकों के अदम्य साहस, अटूट प्रतिबद्धता और सर्वोच्च बलिदान को स्मरण करते हैं। यह उन बहादुर सैनिकों को सम्मानित करने का दिन है जो साहस, समर्पण और निःस्वार्थता के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि वीर सैनिक राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निरंतर अपने कर्तव्य का निर्वहन सुनिश्चित करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के सामने अनेक चुनौतियां हैं। वह बाहरी खतरों से राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने से लेकर देश के भीतर आपदा राहत कार्यों का भी बखूबी निर्वहन करते हैं। उन्होंने कहा कि एक नागरिक के रूप में हमारे लिए सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों की सराहना और उनके योगदान के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों में सेना के प्रति सम्मान बढ़ेगा और युवा पीढ़ी में भारतीय सेना में शामिल होने के लिए और अधिक उत्साह पैदा होगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सेना के जवानों को सम्मानित भी किया।
आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) शिमला के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया।
इससे पहले, राज्यपाल ने मद्रास रेजिमेंट की कलारीपयट्टू टीम के मार्शल आर्ट प्रदर्शन, आर्मी डॉग स्क्वाड शो, गतका टीम और पाइप बैंड का प्रदर्शन भी देखा।
इसके उपरांत राज्यपाल ने आर्मी हेरिटेज म्यूजियम का भी दौरा किया।
इस अवसर पर भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी, पूर्व सैनिक और उनके परिवार के सदस्य, एनसीसी कैडेट और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने सेना दिवस पर आर्मी मेले की अध्यक्षता की
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