बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति: आतंक और असंतोष के बीच घिरा पाकिस्तान

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बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति: आतंक और असंतोष के बीच घिरा पाकिस्तान

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में असंतोष और बगावत की चिंगारी अब शोला बनती जा रही है। सरकार की उपेक्षा, सेना के अत्याचार और प्राकृतिक संसाधनों के शोषण से त्रस्त बलूची जनता खुद को पाकिस्तान से अलग मानने लगी है। इसी कारण विरोध की आवाजें लगातार तेज हो रही हैं।

जाफर एक्सप्रेस पर हमला: बढ़ता आतंकवाद
हाल ही में बलूचिस्तान में एक बार फिर आतंक का कहर देखने को मिला जब क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला माछ इलाके में गुडलार और पीरोकरी के बीच हुआ, जहां हमलावरों ने ट्रेन को रोककर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस हमले में ट्रेन का ड्राइवर घायल हो गया। घटना के बाद सुरक्षाबलों को तुरंत मौके पर भेजा गया और सभी अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस ट्रेन में 500 से अधिक यात्री सवार थे।

बलूचिस्तान में आतंकी हमलों में भारी वृद्धि
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक वर्ष में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादी गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। 2024 में बलूचिस्तान में 171 से अधिक आतंकी हमले दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकतर के पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) जैसे अलगाववादी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में आतंकी घटनाओं में 119% की वृद्धि हुई है, जिससे यह क्षेत्र पाकिस्तान के लिए सबसे अधिक अस्थिर बन चुका है।

बलूच जनता के लिए हालात और भी खराब
बलूचिस्तान में आम जनता को आए दिन सेना के दमन, जबरन गुमशुदगी, फर्जी मुठभेड़ और संसाधनों की लूट का सामना करना पड़ता है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बलूची लोग खुद को पाकिस्तान में असुरक्षित और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 62 लोग घायल हुए थे। मार्च 2025 में पाकिस्तान-अफगान सीमा पर हुए सैन्य अभियान में 4 आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई थी, जिससे अफगानिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ के प्रमाण मिले थे।

क्या बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होगा?
इन हालातों को देखते हुए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होगा? इस क्षेत्र में लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं और यहां के लोग इस्लामाबाद से स्वतंत्र होकर अपनी अलग पहचान की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में क्वेटा-पेशावर रेल सेवा को डेढ़ महीने बाद फिर से शुरू किया था, लेकिन इस हमले ने यह दिखा दिया कि बलूचिस्तान की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।

जनता में बढ़ता गुस्सा
बलूचिस्तान की सरकार और पाकिस्तान की हुकूमत इन हमलों को रोकने में नाकाम साबित हो रही हैं। वहीं, बलूची जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। स्थानीय नेताओं और संगठनों का कहना है कि अगर इस क्षेत्र के साथ भेदभाव जारी रहा तो आंदोलन और भी उग्र हो सकता है। हालात जिस ओर इशारा कर रहे हैं, उससे लगता है कि निकट भविष्य में बलूचिस्तान पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।