अक्षय तृतीया का महत्व पंडित सुरेश गौतम के साथ

विवेक शर्मा ब्युरो प्रमुख हमीरपुर :-अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं । इस बार अक्षय तृतीया 3 मई 2022 दिन मंगलवार को है। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय ना हो।इसे ईश्वरीय तिथि भी कहते हैं ।इस दिन भगवान परशुराम, भगवान नर नारायण और भगवान ह्यग्रीव अवतार लेते हैं ।अक्षय तृतीया को ही वृंदावन में श्री बिहारी जी के चरणों के दर्शन वर्ष में एक बार होते हैं, बाकी वर्ष भर चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भक्तजन चरण दर्शन के लिए वृंदावन पधारते हैं । इस दिन माँ गंगा का अवतरण इसी धरा धाम पर हुआ था । इसी तिथि में भगवान श्री कृष्ण पांडवों को अक्षय पात्र प्रदान करते हैं। इसी तिथि से त्रेतायुग का शुभारंभ हुआ था और यह वही तिथि है जिस तिथि को भगवान द्वारिकाधीश सुदामा के दिए हुए दो मुट्ठी चावलों के बदले दो लोक प्रदान करते हैं ।इस दिन दान का बड़ा महत्व है इस दिन जल से भरा हुआ कलश ,छाता, चरण पादुका ,पंखा, गौ, भूमि आदि का दान पुण्यकारी माना गया है। इस दान के पीछे यह लोग विश्वास है कि इस दिन जिन जिन वस्तुओं का दान किया जाएगा वह समस्त वस्तुएं स्वर्ग में गर्मी की ऋतु में प्राप्त होती हैं । किसी साधु संत या ब्राह्मण को चावल, आटा, तिल, गुड़ ,शक्कर, फल , घी आदि दान करना चाहिए। पितरों को प्रसन्न करने के लिए जल से तर्पण करें ,तिल से तर्पण करें और पिंड दान आदि करें। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अक्षय तृतीया वाले दिन प्रातः शीतल जल से स्नान करें तदोपरांत नारायण और माँ लक्ष्मी की पूजा करें । श्री सूक्त का पाठ करें या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें और माँ लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। इस दिन जब भी सूर्य को अर्घ्य दें तो जल के बीच में गुड़,तिल और हल्दी जरूर डालें। इस दिन आप एक और प्रयोग कर सकते हैं वट वृक्ष के पत्ते के ऊपर हल्दी से स्वस्तिक करें और पूजा स्थान में रखें जब अगले दिन आप स्नान कर लें तो उसके बाद इस पत्ते को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर के अपने धन स्थान में रखें ।इस दिन हल्दी की गांठ को पीले रंग के धागे से बांध कर के मुख्य द्वार के ऊपर लगाना श्रेष्ठ होता है। इस दिन लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए 11 कौड़ियां लाल रंग के कपड़े में बांधकर के धन स्थान में रखें या 21 गोमती चक्र लाल रंग के कपड़े की पोटली में बांधकर के अपने धन स्थान में रखें मां लक्ष्मी की कृपा होगी ।अक्षय तृतीया को दिए गए दान ,किए गए स्नान, जप ,तप ,हवन आदि कर्मों का शुभ और अनंत फल मिलता है। यह तिथि बड़ी ही पवित्र, सुख और सौभाग्य को देने वाली होती है। इस त्यौहार को धन वृद्धि और सुख समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है । इस दिन नए वस्त्र, सोना ,चांदी आदि घर लाएं इस दिन आप कोई भी शुभ कर्म कर सकते हैं।या जानकारी कथा व्यास पंडित सुरेश गौतम ने दीl